Friday, Apr 26 2024 | Time 21:45 Hrs(IST)
 logo img
  • अंबा हरिजन टोला में चार चापाकल खराब, ग्रामीणों ने मरम्मत कराने की उठायी मांग
  • रांची लोकसभा के प्रत्याशी होंगे भारतीय जनतंत्र मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी
  • मतदान दिवस के दिन यह सुनिश्चित करेंगे की बोगस वोटिंग ना हो: डीसी सिमडेगा
  • लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के तहत अंतर्राज्यीय चेकपोस्ट का व्यय प्रेक्षक ने किया निरीक्षण
  • रांचीः डेली मार्केट के पास बिजली के खंभे में लगी आग, लोगों में मची अफरा-तफरी
  • एक विवाह ऐसा भीः शादी के दिन पुलिस ने तोहफे में दी चोरी हुई बाइक
  • प्रेरणा शाखा द्वारा बच्चों के शारीरिक मानसिक एवं बौद्धिक विकास के लिए किया गया 5 दिवसीय कार्यक्रम
  • रांची में अवैध और बिना परमिट के ऑटो, ई-रिक्शा चलाने वालों पर कार्रवाई, चालकों में मचा हड़कंप
  • रांची में अवैध और बिना परमिट के ऑटो, ई-रिक्शा चलाने वालों पर कार्रवाई, चालकों में मचा हड़कंप
  • लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीडीओ ने की सभी बीएलओ के साथ बैठक
  • हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास, 10000 रूपये जुर्माना भी लगाया
  • AJSU पार्टी के केंद्रीय सचिव महेश्वर साहू ने थामा कांग्रेस का दामन
  • रांची पुलिस ने दो महिला और दो पुरूष गांजा तस्कर को किया गिरफ्तार
  • रांची पुलिस ने दो महिला और दो पुरूष गांजा तस्कर को किया गिरफ्तार
  • पति ओडिशा में करता था मजदूरी, पत्नी प्रेमी संग बच्चे को ले कर हुई फरार
NEWS11 स्पेशल


पैसा लेकर झारखंड के 1.36 लाख लाभुकों ने नहीं बनाया घर

प्रधानमंत्री आवास योजना में रांची सहित राज्य के 12 जिले रेड जोन में शामिल
पैसा लेकर झारखंड के 1.36 लाख लाभुकों ने नहीं बनाया घर

सरफराज कुरैशी/न्यूज 11 भारत


रांची: गरीबों को पक्का मकान देने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को चिह्नित किया. इन्हें घर बनाने के लिए राशि दी गई. राशि का उठाव करने के बाद भी हर जिले में ऐसे लाभुक हैं जिन्होंने आवास नहीं बनाया. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत राज्य के सभी 24 जिलों में ऐसे 136761 लाभुक चिह्नित किए गए हैं. एक साल से अधिक समय से पैसा लेने के बावजूद घर का निर्माण नहीं करने वाले सबसे अधिक लाभुकों की संख्या गढ़वा में है. यहां 18625 और पलामू में 18539 लाभुक ऐसे हैं जिन्होंने आवास की राशि का उठाव कर भी आवास नहीं बनाया.


12 जिले हैं रेड जोन में


सरकार की महत्वकांक्षी योजना का हाल झारखंड के कई जिलों में बहुत खराब है. यहां के 50 प्रतिशत जिले यानि 12 जिले ऐसे हैं जो रेड जोन में शामिल हैं. इन जिलों में राशि लेकर आवास नहीं बनाने वाले लाभुकों की संख्या सबसे अधिक है. दरअसल वर्ष 2016 से इस योजना की शुरुआत हुई. साल दर साल योजना के तहत सभी जिलों को आवास बनाने का लक्ष्य मिला. वर्ष 2016-17 से लेकर 2020-21 तक राज्य के सभी जिलों के आंकड़े पर नजर डाली जाए तो 136761 आवास पेंडिंग हैं. हालांकि, रामगढ़ जिले का प्रदर्शन राज्य में सबसे बेहतर है. यहां पांच सालों में महज 482 आवास ही पेंडिंग हैं. 


आवास पूर्ण कराने के लिए क्या कर रहा प्रशासन


लाभुक का चयन होने के बाद आवास निर्माण के लिए राशि उसके अकाउंट में भेज दी जाती है. मगर कई बार लाभुक विभिन्न कारणों से निर्माण ही नहीं करते. इसके कारण यह आवास डिले आवास की कैटगेरी में चला जाता है. वर्षवार आंकड़ें पर नजर डाली जाए तो वर्ष 2016-17 में  7083 आवास, वर्ष 2017-18 में 5660 आवास, वर्ष 2018-19 में 5083, वर्ष 2019-20 में 45021 आवास, वर्ष 2020-21 में 73914 आवास यानि कुल 136761 आवास पेंडिंग हैं.  हालांकि, राशि लेने के बावजूद आवास नहीं बनाने वाले लाभुकों पर सख्ती बरतने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. इसके तहत जिला प्रशासन की ओर से ऐसे लाभुकों को नोटिस भी भेजी जाती है. मगर सच्चाई यह है कि कई लाभुक आवास बनाने को इच्छुक नहीं हैं. कुछ लाभुक नोटिस मिलने और प्रखंड व थाना स्तर से प्रेशर बनाने से आवास बनाने का प्रयास करते हैं.


रांची में सबसे अधिक पेंडेंसी तमाड़ में


राजधानी में पैसा लेने के एक साल गुजरने के बावजूद आवास नहीं बनाने वालों की संख्या सबसे अधिक तमाड़ प्रखंड में है. यहां 2016-17 से 2020-21 तक 2459 लाभुकों ने राशि लेने के बावजूद आवास नहीं बनाया. वहीं, सबसे कम खलारी में महज 8 आवास पेंडिंग हैं. बेड़ों प्रखंड में 1174, अनगड़ा में 268, बुंडू में 369, बुढ़मू में 328, चान्हो में 454, इटकी में 142, कांके में 330, लापुंग में 191, मांडर 363, नगड़ी में 275, नामकुम में 88, ओरमांझी में 82, राहे में 102, सिल्ली में 419 और सोनाहातू में 46 लाभुक राशि लेने के बावजूद आवास नहीं बनाए हैं.


किस जिले में क्या है वर्षवार पेंडेंसी की स्थिति

































































































































































































































































जिला             2016-17           2017-18           2018-19            2019-20             2020-21                   टोटल
गढ़वा                  800                   297                     463                   5996               11069                  18625
पलामू             586                 831             545          6029                  10548             18539
देवघर               162              224             361            2465                 4957                    8169
चतरा               528           321            246                    2842                   3708                         7645    
गिरिडीह           231                      242                223                  3082                       3849                   7627
साहेबगंज             502                   598       382           2559          3217       7258
रांची            337           210    265          2409                  3997           7218
दुमका                394            498  145              2721           2881            6639
लातेहार       481      170      255        1732                 3943           6581
पाकुड़         652         846           278           1156         3577             6509
गुमला         312  125        234       2336            3376      6383
 गोड्‌डा                 272          306        310                     2049      3417         6354
बोकारो               263         229  224      1290 2942    4948
हजारीबाग       216       153       208    1470  2201        4248
धनबाद      266    190   298   1164      1165      3083
वे.सिंहभूम         90            12            49 1044      1873   3068
 ई. सिंहभूम        182     115            77                   923       1490    2787
 लोहरदगा           82            9          76         435   1624          226
 जामताड़ा      210          113    110         644       1060  2137
 सिमडेगा     77         6         81     725         1229       2118
 स.खरसांवा       202         78          93          641     1085    2099
 खूंटी      133      28    63     864     151   1239 
 कोडरमा      66                 33      80    275      325     779
 रामगढ़       39        26        17        170   230     482
 कुल   7083  5660   5083       45021   73914      136761
             
             

 

अधिक खबरें
महुआ के 'फूलों की खुशबू' से गरीबों के जीवन में आ रही 'खुशहाली'
अप्रैल 08, 2024 | 08 Apr 2024 | 1:56 AM

हजारीबाग में मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में जंगलों में महुआ के फूल गिरने लगते हैं. इन्हें इकट्ठा करने के लिए लोग मार्च से मई महीने में करीब 15 दिनों तक जंगल जाते हैं. इस दौरान महुआ के फूलों को चुनने के लिए पेड़ के नीचे की जमीन को साफ करने के लिए सूखे पत्तों में आग लगा दी जाती है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा से खास बातचीत, बेबाकी से रखी अपनी बात
अप्रैल 05, 2024 | 05 Apr 2024 | 9:36 AM

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने अपने आवास ऋषभ वाटिका में हजारीबाग संसदीय क्षेत्र की राजनीति के अलावे देश के बड़े मुद्दों पर अपनी राय रखते हुए मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. कहा कि 1984 में भले ही हजारीबाग संसदीय क्षेत्र की जनता ने मुझे महज 10 हुजार 727 वोट दिया लेकिन मुझे इन वोटों के साथ एक निर्वाचन क्षेत्र मिल गया. मैं जब चाहूं हजारीबाग में भाजपा को दो फाड़ कर सकता हूं. इन 40 वर्षों के अपने इ

महुआ बन रहा ग्रामीणों के आर्थिक संरचना का आधार: बिचौलियों के कारण नहीं मिल रहा ग्रामीणों को उचित मूल्य
मार्च 28, 2024 | 28 Mar 2024 | 11:25 AM

झारखण्ड के दक्षिणी छोर पर बसे सिमडेगा की मुख्य आर्थिक संरचना वन उत्पादों पर आधारित है. कल कारखानों से रहित इस जिले मे मुख्य जीविका वनो से निकली उत्पादो पर ही अधारित हैं इन मे से सबसे महत्वपुर्ण उत्पाद महुआ है.

Summer Vacation: अगर आप भी गर्मी में कर रहे है घूमने का प्लान तो जरूर विजिट करें देश की ये बेस्ट जगहें
मार्च 18, 2024 | 18 Mar 2024 | 1:20 AM

हमारा भारत एक ऐसा देश है जहां हर मौसम में घूमने के लिए जगह बदल जाती है. अब लोगों को लगभग लगभग ठंड से राहत मिल गयी है. वहीं अब गर्मी का मौसम आने वाला ही है. ऐसे में लोग अभी से ही गर्मियों की छुट्टी में घूमने का प्लान बना लेते है. अगर आप भी घूमने का प्लान बना

महिलाओं को सफर में नहीं लेना होगा टेंशन क्योंकि अब साथ है 'मेरी सहेली'
मार्च 15, 2024 | 15 Mar 2024 | 3:21 AM

दिन-ब-दिन महिलाओं के साथ अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं. ट्रेन हो या चाहे बस कहीं भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है. ऐसे में सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई तरह की योजना लाई जाती है. मेरी सहेली योजना भी एक ऐसी योजना है, जिसमें महिलाओं को यात्रा के समय सुविधाएं दी जाती है.