सरफराज कुरैशी/न्यूज 11 भारत
रांची: गरीबों को पक्का मकान देने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को चिह्नित किया. इन्हें घर बनाने के लिए राशि दी गई. राशि का उठाव करने के बाद भी हर जिले में ऐसे लाभुक हैं जिन्होंने आवास नहीं बनाया. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत राज्य के सभी 24 जिलों में ऐसे 136761 लाभुक चिह्नित किए गए हैं. एक साल से अधिक समय से पैसा लेने के बावजूद घर का निर्माण नहीं करने वाले सबसे अधिक लाभुकों की संख्या गढ़वा में है. यहां 18625 और पलामू में 18539 लाभुक ऐसे हैं जिन्होंने आवास की राशि का उठाव कर भी आवास नहीं बनाया.
12 जिले हैं रेड जोन में
सरकार की महत्वकांक्षी योजना का हाल झारखंड के कई जिलों में बहुत खराब है. यहां के 50 प्रतिशत जिले यानि 12 जिले ऐसे हैं जो रेड जोन में शामिल हैं. इन जिलों में राशि लेकर आवास नहीं बनाने वाले लाभुकों की संख्या सबसे अधिक है. दरअसल वर्ष 2016 से इस योजना की शुरुआत हुई. साल दर साल योजना के तहत सभी जिलों को आवास बनाने का लक्ष्य मिला. वर्ष 2016-17 से लेकर 2020-21 तक राज्य के सभी जिलों के आंकड़े पर नजर डाली जाए तो 136761 आवास पेंडिंग हैं. हालांकि, रामगढ़ जिले का प्रदर्शन राज्य में सबसे बेहतर है. यहां पांच सालों में महज 482 आवास ही पेंडिंग हैं.
आवास पूर्ण कराने के लिए क्या कर रहा प्रशासन
लाभुक का चयन होने के बाद आवास निर्माण के लिए राशि उसके अकाउंट में भेज दी जाती है. मगर कई बार लाभुक विभिन्न कारणों से निर्माण ही नहीं करते. इसके कारण यह आवास डिले आवास की कैटगेरी में चला जाता है. वर्षवार आंकड़ें पर नजर डाली जाए तो वर्ष 2016-17 में 7083 आवास, वर्ष 2017-18 में 5660 आवास, वर्ष 2018-19 में 5083, वर्ष 2019-20 में 45021 आवास, वर्ष 2020-21 में 73914 आवास यानि कुल 136761 आवास पेंडिंग हैं. हालांकि, राशि लेने के बावजूद आवास नहीं बनाने वाले लाभुकों पर सख्ती बरतने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. इसके तहत जिला प्रशासन की ओर से ऐसे लाभुकों को नोटिस भी भेजी जाती है. मगर सच्चाई यह है कि कई लाभुक आवास बनाने को इच्छुक नहीं हैं. कुछ लाभुक नोटिस मिलने और प्रखंड व थाना स्तर से प्रेशर बनाने से आवास बनाने का प्रयास करते हैं.
रांची में सबसे अधिक पेंडेंसी तमाड़ में
राजधानी में पैसा लेने के एक साल गुजरने के बावजूद आवास नहीं बनाने वालों की संख्या सबसे अधिक तमाड़ प्रखंड में है. यहां 2016-17 से 2020-21 तक 2459 लाभुकों ने राशि लेने के बावजूद आवास नहीं बनाया. वहीं, सबसे कम खलारी में महज 8 आवास पेंडिंग हैं. बेड़ों प्रखंड में 1174, अनगड़ा में 268, बुंडू में 369, बुढ़मू में 328, चान्हो में 454, इटकी में 142, कांके में 330, लापुंग में 191, मांडर 363, नगड़ी में 275, नामकुम में 88, ओरमांझी में 82, राहे में 102, सिल्ली में 419 और सोनाहातू में 46 लाभुक राशि लेने के बावजूद आवास नहीं बनाए हैं.
किस जिले में क्या है वर्षवार पेंडेंसी की स्थिति
जिला |
2016-17 |
2017-18 |
2018-19 |
2019-20 |
2020-21 |
टोटल |
गढ़वा |
800 |
297 |
463 |
5996 |
11069 |
18625 |
पलामू |
586 |
831 |
545 |
6029 |
10548 |
18539 |
देवघर |
162 |
224 |
361 |
2465 |
4957 |
8169 |
चतरा |
528 |
321 |
246 |
2842 |
3708 |
7645 |
गिरिडीह |
231 |
242 |
223 |
3082 |
3849 |
7627 |
साहेबगंज |
502 |
598 |
382 |
2559 |
3217 |
7258 |
रांची |
337 |
210 |
265 |
2409 |
3997 |
7218 |
दुमका |
394 |
498 |
145 |
2721 |
2881 |
6639 |
लातेहार |
481 |
170 |
255 |
1732 |
3943 |
6581 |
पाकुड़ |
652 |
846 |
278 |
1156 |
3577 |
6509 |
गुमला |
312 |
125 |
234 |
2336 |
3376 |
6383 |
गोड्डा |
272 |
306 |
310 |
2049 |
3417 |
6354 |
बोकारो |
263 |
229 |
224 |
1290 |
2942 |
4948 |
हजारीबाग |
216 |
153 |
208 |
1470 |
2201 |
4248 |
धनबाद |
266 |
190 |
298 |
1164 |
1165 |
3083 |
वे.सिंहभूम |
90 |
12 |
49 |
1044 |
1873 |
3068 |
ई. सिंहभूम |
182 |
115 |
77 |
923 |
1490 |
2787 |
लोहरदगा |
82 |
9 |
76 |
435 |
1624 |
226 |
जामताड़ा |
210 |
113 |
110 |
644 |
1060 |
2137 |
सिमडेगा |
77 |
6 |
81 |
725 |
1229 |
2118 |
स.खरसांवा |
202 |
78 |
93 |
641 |
1085 |
2099 |
खूंटी |
133 |
28 |
63 |
864 |
151 |
1239 |
कोडरमा |
66 |
33 |
80 |
275 |
325 |
779 |
रामगढ़ |
39 |
26 |
17 |
170 |
230 |
482 |
कुल |
7083 |
5660 |
5083 |
45021 |
73914 |
136761 |
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