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रांची/डेस्कः धनबाद के अल्पसंख्यक स्कूलों में शिक्षक-शिक्षिकाओं की नियुक्ति का मामला अब कटघरे में आता हुआ नजर आ रहा है. मामले में जांच के बाद निवर्तमान डीसी वरूण रंजन ने अपनी रिपोर्ट शिक्षा अधीक्षक को इसपर कार्रवाई की अंशुसा की है. दरअसल, धनबाद जिला में शिक्षा अधीक्षक के पद पर रहते हुए BN रजवार ने अपने भाई सुशील रजवार की नियुक्ति अपने क्षेत्राधीन अल्पसंख्यक विद्यालय में करा दी है. इसका खुलासा जांच रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि DSE का अपने भाई की नियुक्ति का अनुमोदन किया जाना, उनके सरकारी आचार संहिता के खिलाफ दिखाई देता है. अब इस रिपोर्ट के आधार पर रजवार के खिलाफ धनबाद के तत्कालीन डीसी वरुण रंजन ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को उनपर कार्रवाई करने को लेकर पत्र लिखा है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिला के अल्पसंख्यक स्कूलों में शिक्षक-शिक्षिकाओं की नियुक्ति में अनियमितता की शिकायत सामने आई थी जिसके बाद मामले में जांच का आदेश दिया गया. शिकायत में यह कहा गया है कि शिक्षक बहाली में कमिटी के पदाधिकारी, सदस्य और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने करीबियों को अहमियत देते हुए अल्पसंख्यक स्कूलों में उनकी नियुक्ति करा दी है. रिपोर्ट्स में आगे यह भी बताया गया है कि साल 2022 में झरिया गुजराती हिंदी मध्य विद्यालय में 14 और धनबाद के अभय सुंदरी गल्स हाई स्कूल हीरापुर में 8 शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी.
रिपोर्ट् पर निदेशक, लेखा प्रशासन और स्वनियोजन धनबाद से BN रजवार के खिलाफ जांच कराई गई वहीं इस मामले में जब BN रजवार (धनबाद शिक्षा अधीक्षक) से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने इस संबंध में कुछ भी बोलने से साफ इंकार किया. बता दें, धनबाद के अल्पसंख्यक स्कूलों में शिक्षकों की बहाली का यह मामला काफी तूल पकड़ा था. इस संबंध में 3 दर्जन से अधिक शिकायतें विभाग के पास आई थी. जिसमें पैसा लेने और पैरवी करने की बातें सामने आई थी. हालांकि अब इस मामले में निवर्तमान डीसी वरूण रंजन के शिक्षा अधीक्षक को जांच की अनुशंसा की है साथ ही मामले में डीसी ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं. अब इस संबंध में सिर्फ शिक्षा अधीक्षक बीएन रजवार ही नहीं बल्कि अल्पसंख्यक विद्यालयों की कमेटियां भी कटघरे में आती नजर आ रही हैं.