रांची: झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का सपना रोज टूट रहा है. कोई सपना टूटता हुआ देख रहा है तो कोई टूटे हुए सपनों के साथ सचिवालय से विदा हो रहा है. दरअसल, झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को वक्त पर प्रोन्नित नहीं मिल पाती. खामियाजा यह होता है कि झाप्रसे ( झारखंड प्रशासनिक सेवा ) के अधिकारी कई सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं.
बिहार, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान सहित कई राज्यों के प्रशासनिक अधिकारियों को वर्ष 2019 तक प्रोन्नति मिल गयी लेकिन झारखंड में झाप्रसे के अधिकारियों की IAS में यह प्रोन्नति वर्ष 2017 से अटका पड़ा है. इसकी चिन्ता ना राज्य सरकार को है और ना ही वरीय अधिकारियों को. केन्द्र का कार्मिक विभाग यानी (DoPT) डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग ने IAS में प्रोन्नति के लिए वर्ष 2017 के लिए 12 नियुक्तियां UPSC को भेजी थी. फिर अगले साल यानी 2018 के लिए तीन IAS के लिए रिक्तियां UPSC को भेजी थी.
कुल 15 IAS के पद राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की प्रोन्नति से भरी जानी थी, एक पद के लिए तीन नाम UPSC को भेजे जाते हैं. इस प्रकार राज्य सरकार ने 2017 और 2018 के लिए कुल 45 नाम UPSC को भेजा था. आश्चर्य यह कि इन प्रोन्नति के लिए UPSC के साथ राज्य सरकार के अधिकारियों की पहली बैठक 27 अक्टूबर 2020 को हो पायी. यानी साल बाद. अंतिम रूप से 15 झाप्रसे के 15 अधिकारियों को IAS में प्रोन्नति देने पर समहति भी बन गयी, लेकिन UPSC अबतक इस बावत अधिसूचना जारी नहीं कर सका है.
इस बावत न्यूज 11 की टीम ने UPSC की सचिव वसुधा मिस्रा से उनके कार्यालय (011- 23383802 ) पर संपर्क करने की दो बार कोशिस की लेकिन कहा गया वो छुट्टी पर हैं. UPSC के साथ होने वाली बैठक में राज्य के मुख्य सचिव, कार्मिक सचिव और एक अन्य वरिष्ठ IAS मौजूद रहते हैं. सवाल यह नहीं है कि झाप्रसे के अधिकारियों को वक्त पर IAS में प्रोन्नति नहीं मिल रही है, सवाल यह है कि झाप्रसे के कई अधिकारी IAS बनने का सपना लिए रिटायर तक हो गये.