प्रशांत शर्मा/न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: इलाज में लापरवाही के किस्से हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में समय समय पर तो आते ही रहते. इस बार मेडिकल कॉलेज एक और लापरवाही के कारण सुर्खियों में है. मामला शनिवार का बताया जा रहा है. यहां एक नवजात का प्रसव के दौरान नर्सों की लापरवाही के कारण नवजात का सिर हो धड़ से अलग कर दिया गया. मामले में प्रसूता की जान किसी तरह बच पाई. मामले का खुलासा तब हुआ, जब नर्सों ने परिजनों को नवजात का शव एक कपड़े में लपेट कर दिया. परिजनों ने जैसे ही कपड़ा हटाया नवजात का शव दो हिस्सो मे पाया. मामले में परिजनों ने थोड़ा विरोध तो किया मगर वे शांत इसलिए हो गए क्योंकि उन्हें पहले से इस बात की जानकारी थी की बच्चे की मौत गर्भ में हो गई है. नवजात के शव को लेकर परिजन घर रवाना हो गए .
बताते हैं को दारू के बासोबार की दिव्यांग महिला निशा कुमारी को मंगलवार को परिजनों ने प्रसव के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था. जांच के दौरान नर्सों ने नार्मल डिलेवरी को बात बताई थी. उसे प्रसव रुम में ले जाया गया. बच्चा पेट में उल्टा था. नर्सों ने बच्चे को बाहर निकालने की कोशिश की, इस दौरान बच्चे का गरदन तक का हिस्सा खीच कर बाहर निकाला गया, मगर सिर गर्भ के अंदर ही रह गया. बच्चे के धड़ से तेज रक्त की धार बहने लगी. नर्स इसके बाद आनन फानन में प्रसूता को उसी हालत में ऊपरी तल पर ले गई, जहां किसी तरह गर्भ से नवजात का सिर बाहर निकाला जा सका. हालांकि परिजनों का कहना है की नर्स की लापरवाही के कारण शिशु की जान गई. अगर प्रसूता का इलाज पहले से होता तो बच्चे की जान नही जाती. इधर मेडिकल सुप्रीटेंडेंट का कहना है की जिस बच्चे का. सिर धड़ से अलग हुवा है उसकी मौत गर्भ में ही हो गई थी. महिला को पहले से शारीरिक समस्या थी. फिलहाल पीड़ित को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.