प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत,
हजारीबाग/डेस्क: क्षेत्र से पलायन को रोकने और मजदूरों को शत प्रतिशत रोजगार की गारंटी देने वाले महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना में एक बार फिर मजदूरों के बजाय मशीनों से काम कराए जाने का मामला प्रकाश में आया है. जानकारी के अनुसार इचाक प्रखंड के पुराना इचाक पंचायत के बड़की जलौन्ध में एक डोभा, करियातपुर पंचायत के एकफेडिया आम के पास में एक डोभा और कुरहा पंचायत के बोधी बागी डूबा आहर के निकट में मनरेगा नियमों को ताक पर रख कर एक ही स्थान पर दो दो डोभा रातों रात बन गया.
खबर है कि डोभा बनाने में नियम के विरूद्ध मजदूरों को न लगाकर ठेकेदार और पदाधिकारियों के मिलीभगत से रातों रात जेसीबी मशीन से डोभा की खुदाई की गई जो गरीबों के हक पर सीधा सीधा सेंधमारी है. बताते चलें कि भ्रष्टाचार के कालकोठरी में कैद मनरेगा में नियमों को ताक पर रखकर योजनाओं को धरातल पर लाने की प्रक्रिया आम हो गई है. जिससे निराश और हताश मजदूर दो जून की रोटी के लिए पलायन को विवश है तो वहीं ठेकेदार, पदाधिकारी और मशीन संचालकों की बल्ले बल्ले हो रही है.
इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर बीडीओ संतोष कुमार गुप्ता ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. जांच चल रही है. दोषी बक्शे नहीं जायेंगे.