किशोर कुमार जायसवाल/न्यूज11भारत
गुमला/डेस्क: लोकसभा चुनाव का बिगुल देश में कभी भी बज सकती है. जिसको लेकर राजनीतिक दल अपने पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा शुरू कर दी है. भाजपा ने लोहरदगा लोकसभा सीट से अपना पार्टी उम्मीदवार राज्य सभा सदस्य समीर उरांव को बनाया है. लेकिन कांग्रेस पार्टी से लोहरदगा लोकसभा सीट से कौन उम्मीदवार होगा या तय नहीं हो पाया है. क्योंकि पार्टी में एक नहीं कई उम्मीदवार चुनाव लड़ने को आतुर है. या यू कहें कि एक अनार सौ बीमार हैं.
पार्टी उम्मीदवार को लेकर छाया धुंध फिलहाल हटता नजर नहीं आ रही है. सभी उम्मीदवार धुंध साफ होने का इंतजार कर रहे हैं. देश में कांग्रेस में ऐसे भी पतझड़ आ गया है. टिकट की चाह और अति महत्वकांक्षा में लोग पार्टी छोड़कर दूसरे दलों में जा रहे हैं. जिसे देखते हुए राज्य में कांग्रेस पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा लटका कर रखी है ताकि चुनाव में मजबूत कंैडिडेट के साथ मैदान में उतराना है.
इधर, लोहरदगा लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी में राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, पूर्व विधायक सुखदेव भगत, गुमला जिलाध्यक्ष चैतु उरांव, महिला मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष बॉबी भगत सहित कई ऐसे दावेदार हैं जो पार्टी टिकट की आश लगाये बैठे हैं. लेकिन पार्टी भी अपने सबसे पुराने किले को वापस लेने के लिए कोई तगड़े व दमदार उम्मीदवार की तलाश कर रही है.
ऐसे में अफवाओं का बाजार भी गर्म है कि गुमला जिला से विशुनपुर विधान सभा से झामुमो विधायक चमरा लिंडा कांग्रेस पार्टी का दामन थामकर लोहरदगा लोक सभा प्रत्याशी बन सकते हैं. क्योंकि हाल के दिनों में घटित घटना क्रम में नजर दौड़ाएंगे तो पाएंगे कि चमरा लिंडा झामुमो के किसी भी कार्यक्रम में सक्रिय नहीं दिखे. यहां तक कि विधान सभा में जब राज्य के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को बहुमत साबित करना था तब भी वे पार्टी से किनारा किये हुए नजर आये.
ऐसा में यह क्यास लगाया जा रहा है कि चमरा लिंडा कांग्रेस पार्टी से लोहरदगा लोक सभा क्षेत्र का उम्मीदवार बन सकते हैं. चमरा लिंडा का चुनाव मैनेजमेंट भी इतना सशक्त है कि वे निर्दलीय भी लड़ते हैं तो राष्ट्रीय पार्टियों को मैदान में पानी पिलाकर रख देते हैं. आज तक उनका तोड़ किसी राष्ट्रीय पार्टी ने हासिल नहीं किया है.
अगर चमरा लिंडा कांग्रेस से चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा का चार सौ पार के नारे में एक सीट लोहरदगा से कम करना पड़ जाएगा. यह क्षेत्र की जनता दबी जुबान कह रहे हैं. मगर हालात यह भी उभर कर आ रही है कि लोहरदगा लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ेगी या झामुमो. अगर नजरें उठा कर देखें तो इस सीट पर पहला हक झामुमो की बनती है. क्योंकि गुमला के तीन विधान सभा सीटों पर झामुमो के विधायक हैं जबकि कांग्रेस के पास लोहरदगा व मांडर से विधायक है.
अगर इस फारमुले पर जाए तो झामुमो के झोली पर ही सीट जाएगी. यही कारण है कि उक्त उधेडबुन में अब तक लोहरदगा लोक सभा सीट का बंटवारा महागठबंधन में तय नहीं हो पाया है. यह ये कहें कि कांग्रेस व झामुमो के बीच लोहरदगा लोक सभा सीट झूल रही है. अगर गलती ये लोहरदगा लोक सभा सीट झामुमो के झोली में चली जाती है तो गुमला जिला में कांग्रेस में पतझड़ आ जाएगा. क्योंकि गुमला के तीनों विधान सभा पहले से झामुमो की झोली में है और लोहरदगा लोक सभा सीट चली गई तो गुमला के कांग्रेसी महज पार्टी का झंडा ढोने के लिए बच जाएंगे.