अजय लाल / न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः आईएनडीआईए के भाग्य विधाता लालू प्रसाद को झारखंड में दो सीटों के लिए तड़पना पड़ रहा है. राजद ने शुरूआती दौर में झारखंड लोकसभा की चार सीटों पर दावेदारी की थी. यहां तक कहा गया था कि राजद के संभावित उम्मीदवारों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. ये सीटें हैं - चतरा, कोडरमा, गोड्डा और पलामू. प्रदेश राजद के नेताओँ को तो छोड़िये राजद के केन्द्रीय महासचिव भोला प्रसाद सिंह ने भी चार सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही थी. न्यूज11 से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा था कि राजद चार संसदीय सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता है. हमारी तैयारी पूरी है. हम पूरे दम से लड़ेंगे. अंतिम फैसला लालू प्रसाद करेंगे.
लेकिन खबर है कि चार सीटों पर दावेदारी करने वाला राजद महज दो सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तड़प रही है. आईएनडीआईए कोई भाव नहीं दे रहा है. चार से दावा घटकर दो पर आ गया. बावजदू इसके राजद को भाव नहीं मिल रहा है. सूत्रों का कहना है कि पलामू और चतरा संसदीय सीट पर राजद किसी भी कीमत पर समझौता करने को तैयार नहीं है. लेकिन फिलहाल चर्चाओं पर गौर करें, तो राजद को पलामू के अलावा और कोई सीट मिल पायेगा यह कहना मुश्किल है. चतरा संसदीस सीट पर कांग्रेस की दावेदारी से साफ हो गया है कि यह सीट राजद के हाथ से खिसक गया है. लिहाजा. राजद को सिर्फ पलामू सीट से ही संतोष करना पड़ेगा.
क्या कहते हैं राजद के नेता
राजद के नेता और राज्य में श्रममंत्री सत्यानंद भोक्ता कहते हैं आईएनडीआईए में रहकर हम चुनाव लड़ेंगे. उनका कहना है कि सामूहिक नेतृत्व में कई बार त्याग की जरूरत पड़ जाती है. हालांकि वो इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि राजद को हर हाल में चतरा और पलामू सीट मिलेगा. लेकिन आईएनडीआईए के नेता यह मानकर चल रहे हैं कि राजद के जनाधार को देखते हुए सिर्फ पलामू संसदीय सीट दिया जाना चाहिए.
अब आगे क्या
राजनीति के जानकार बताते हैं कि सीट शेयरिंग से उपजे मतभेद को मोदी का नाम लेकर शांत किया जायेगा. मोदी को हराना है ऐसा कहकर अपने जख्म पर मरहम लगाने की कोशिश होगी. दरअसल. कोडरमा सीट पर भाकपा माले की प्रबल दावेदारी से भी राजद को नुकसान हुआ है. माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने सीधे हेमंत सोरेन से मिलकर कोडरमा सीट पर दावेदारी ठोकी थी. फिलहाल देखना होगा कि राजद को कितनी सीटें मिलती हैं लेकिन यह तय हो गया है कि राजद को सीट के लिए तड़पना पड़ रहा है.