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रांची/डेस्कः एक पौराणिक कहावत है 'पुत कपुत तो धन संचय काहे का..पुत सपुत तो धन संचय काहे का' इसका अर्थ है कि यदि पुत्र कपूत यानी दुष्ट प्रवृत्ति का हैं तो उसके लिए धन संचय क्यो किया जाए, वो उसे गलत कामों में बर्बाद कर देगा. और अगर पूत्र संस्कारी और शिक्षित यानी सपूत है तब भी धन क्यों संचय किया जाए क्योंकि वो अपनी काबलियत से ही धन अर्जित कर लेगा. मगर फिर भी लोग अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए धन-जमीन का संचय करते हैं ताकि उनके बच्चे खुशहाल जिंदगी व्यतीत कर पाए.
एक दशक पहले हो चुकी है पति की मौत
दरअसल, ऐसी ही एक खबर धनबाद जिला से सामने आई है जहां कलयुगी बेटों और बहूओं ने अस्पताल के बेड पर पड़े मां के साथ मारपीट की. खबर को पढ़कर आपकी आंखें भी नम हो सकती है. खबर जिला के गोविंदपुर के संबलपुर का है जहां किशोरी पासवान और उनकी पत्नी लाल परी देवी ने अपने बच्चों के भविष्य को सोचकर जगह-जमीनें खरीदी लेकिन यह जमीन अब उनके बुढ़ापे के लिए काल साबित हो रही है. किशोरी पासवान की मौत एक दशक पहले ही हो चुकी है.
पति के देहांत के बाद छोटे बेटे के साथ रहती है मां
पति किशोरी पासवान की मौत के बाद लाल परी देवी अपने छोटे बेटे के साथ रहती है. वो काफी बीमार भी लेकिन उनके स्वास्थ्य को दरकिनार कर उनके बच्चे जमीन के बंटवारे के लिए आपस में लड़ झगड़ रहे है, हालांकि हद तो तब हुआ जब अस्पताल के बेड पर पड़े मां के पास दोनों बेटे और बहू जमीन बंटवारे की मांग के लिए पहुंच गए. उन्होंने इस दौरान उनके साथ मारपीट भी की. और इसके बाद वे खुद थाना पहुंच कर शिकायत भी दर्ज करा लेते हैं. वहीं छोटे बेटे और बहू को भी बड़े भाइयों ने घर से बेघर कर दिया है. उन्होंने इसे लेकर शिकायत दर्ज कराई है लेकिन फिर भी पुलिस मौन धारण किए नजर आ रही है. मामले में पुलिस का चुप रहना बड़ी अनहोनी को दावत देता भी नजर आ रहा है.