रांची : राजधानी के बालपन अस्पताल पर परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि होली के दिन शराब पीकर अस्पताल कर्मियों ने उनके साथ मारपीट की. मारपीट के बाद गंभीर बच्चे को भी अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया. अस्पताल कर्मियों ने गोली मार देने की भी दी धमकी. परिजनों के आरोप पर अस्पताल प्रबंधन अपनी सफाई देते हुए परिजन पर ही आरोप मढ़ दिया. कहा कि परिजन ही नशे में धुत थे और अस्पताल की छवि खराब करने कि कोशिश कर रहे थे.
गिरिडीह की रहने वाले नीतू देवी ने एक माह पहले दो जुड़वा बच्चियों को जन्म दिया था. एक बच्ची की हालत गंभीर होने के कारण उसे बरियातू के बालपन चिल्ड्रन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. परिजनों का आरोप है आयुष्मान कार्ड बनवाने को लेकर होली के दिन परिजनों और अस्पताल कर्मियों में विवाद हुआ. इसके बाद अस्पताल कर्मियों ने परिजनों के साथ मारपीट की. अस्पताल कर्मी शराब के नशे में थे. मारपीट के बाद बच्ची को जबरन डिस्चार्ज कर दिया गया और इलाज के नाम पर 50 हजार रूपये ले लिए गए. साथ ही गोली मार देने की धमकी भी दी गई.
वहीं इस पूरे मामले पर अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों के आरोप को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि परिजन खुद शराब के नशे में थे और अस्पताल कर्मियों के साथ बदतमीजी कर रहे थे परिजन के राशन कार्ड और आधार कार्ड में दो अलग नाम थे वैसे में आयुष्मान योजना बनाना मुश्किल हो रहा था परिजनों ने जानबूझकर अस्पताल की छवि को खराब करने के लिए इस तरह के आरोप लगाए हैं
बहरहाल समय-समय पर निजी अस्पतालों पर परिजनों के द्वारा कई गंभीर आरोप लगाए जाते हैं. कई बार मारपीट की घटना में अस्पताल कर्मियों की भी गलती होती है, तो कई बार परिजन की. जरूरत है कि स्वास्थ विभाग पूरे मामले की जांच कर निजी अस्पतालों के लिए एक गाइडलाइन तैयार करें, ताकि अस्पतालों में हो रहे मारपीट की घटना को रोका जा सके.