मुजतबा हैदर रिजवी/ न्यूज11 भारत
जमशेदपुर/डेस्कः जमशेदपुर के साकची में उत्पाद कार्यालय के पास 19 मार्च साल 2008 को पूर्व जज आरपी रवि पर गैंगस्टर अखिलेश सिंह के गुर्गों ने फायरिंग की थी. इस मामले में कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में अखिलेश सिंह को बरी कर दिया है. एडीजे चार न्यायाधीश आनंद मणि त्रिपाठी की कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए अखिलेश सिंह को बरी किया. बता दें, इस वक्त अखिलेश सिंह दुमका जेल में बंद है. अधिवक्ताओं के अनुसार इस केस में 22 लोगों की गवाही कराई गई. लेकिन केस में पुलिस, आईपीसी की धारा 307, 120 बी और आर्म्स एक्ट की धारा को साबित नहीं कर सकी. इसी के बाद कोर्ट ने अखिलेश सिंह को बरी किया.
इस मामले में अनुसंधान अधिकारी समेत 22 लोगों ने अपना बयान कोर्ट के सामने दिया है. इस केस में आरोपी रहे बंदी जायसवाल, रितेश राय, मनोरंजन सिंह आदि पर अलग से सुनवाई चल रही है. बता दें, साकची जेल के तत्कालीन उमाशंकर पांडे हत्याकांड में तत्कालीन जज आरपी रवि ने गैंगस्टर अखिलेश सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. जिसके बाद जज आरपी रवि पर फायरिंग की गई थी. इस मामले में पुलिस ने गैंगस्टर अखिलेश सिंह के अलावे सुधीर दुबे, बंटी जायसवाल, नितेश, पप्पू सिंह और मनोरंजन सिंह को आरोपी बनाया था.
क्या है पूरा मामला
बता दें, साकची थाना क्षेत्र में उत्पाद कार्यालय के पास 19 मार्च 2008 को गैंगस्टर अखिलेश सिंह के गुर्गों ने जज आरपी रवि पर फायरिंग की थी. इसमें वे घायल हो गए थे जिन्हें इलाज के लिए टीएमएच में भर्ती कराया गया था. वहीं इस मामले में जज आरपी रवि की पत्नी बीरा प्रसाद ने बयान देते हुए केस दर्ज कराया था जिसमें उन्होंने पुलिस ने अखिलेश समेत अन्य को आरोपी बनाया था. उन्होंने अपने बयान में पुलिस को बताया था कि आरपी रवि फल लेकर घर वापस लौट रहे थे. इसी बीच अचानक बाइक सवार दो बदमाशों ने उनपर फायरिंग शुरू कर दी. जिससे वे घायल हो गए थे.