प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क:-बरही चौक से महज 5 किलोमीटर पर जवाहर घाटी में मीठे पानी से भरा तिलैया डैम है और पास में ही बराकर नदी भी है. इस अथाह जलभंडार के बावजूद यहां के लोग प्यासे हैं. यूं कहे की अथाह जल संग्रहण क्षेत्र और जलस्त्रोत पास में होने के बावजूद करीब एक दशक से यहां पेयजल को गंभीर समस्या बरकरार है. बराकर नदी से पीएचईडी द्वारा जलापूर्ति कंडम के बाद बरही चौक के समीप पीएचईडी कार्यालय परिसर में स्थित नए व पुराने दोनों जल मीनार जल विहीन है. बरही के लोगों को सिर्फ नई जलापूर्ति योजना से ही उम्मीद है. मगर दस साल बाद भी यह योजना पूरा नहीं हुआ. राज्य योजना के तहत डीवीसी के द्वारा संपोषित बरही ग्रामीण जलापूर्ति योजना का शिलान्यास 26 सितंबर 2012 को तत्कालीन पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री जयप्रकाश भाई पटेल ने जवाहर घाटी में तामझाम के बीच किया था. उस समय बरही विधानसभा क्षेत्र के तीन कद्दावर नेता इसका श्रेय लेने की होड़ में भी नजर आए थे. दो नेता व उनके समर्थक तो शिलान्यास समारोह के मंच पर आमने सामने भिड़ते तक नजर आए थे जो आज भी चर्चा का विषय है.
खरीद कर पानी पी रही जनता, गर्मी में मेहमानों को बुलाने से कतराते लोग
बरहाल करीब 10 करोड़ की लागत से शुरू हुई यह नई योजना आज तक अधूरी है. एक बार फिर निर्वाचित हुए विधायक उमाशंकर अकेला से लोगों की काफी उम्मीदें जागी किंतु पानी का आस अधर पर रहकर कोसो दूर चला गया. अब लोगों के लिये निजी स्त्रोत ही एकमात्र सहारा है, किन्तु बरही के ज्यादातर भाग के खारा पानी ही निकलता है. लेकिन इस भीषण गर्मी में पानी का स्तर पाताल पहुंच गया है. लोग पेयजल खरीद कर पीने पर मजबूर है. वहीं नहाने धोने के लिए नदी घाट पहुंचते है. तेली टोला, कोनरा बरही पश्चिमी सहित अन्य क्षेत्र में चापानल सुख चुके हैं.लोग पानी के लिए त्राहिमाम त्राहिमाम है. इस क्षेत्र को लोग कहते हैं कि ऐसी हालत में किसी मेहमान को भी नहीं बुलाते हैं. इन दस साल में नई योजना की कार्य प्रगति बरही जवाहर घाटी में इंटेकवेल का निर्माण हो चुका है. बरही चौक स्थित पीएचईडी कार्यालय परिसर में एक लाख गैलन की कैपेसिटी वाला अतिरिक्त जलमीनार बनाकर तैयार है.
वहीं बरही पूर्वी, पश्चिमी, कोनरा, रसोईया धमना व बेन्दगी पंचायत में डिस्ट्रीब्यूशन सर्विस पाइप बिछाने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है. जवाहर घाटी इंटेक वेल से उज्जैना स्थित डब्लूटीपी तक का रो बाटर रैजिग पाइप बिछ चुका है. वहीं डब्लूटीपी से बरही चौक जलमीनार तक किलियर बाटर रैजिग पाइप जो बिछाया भी गया था. वह एनएच 31 फोरलेन निर्माण को लेकर उखाड़ दिया गया है. उसे दुबारा नहीं बिछाया गया है. वहीं डब्लूटीपी का कार्य डीवीसी द्वारा करीब 70 फीसदी ही कार्य हुआ है. बरही विधायक सह निवेदन समिति के सभापति उमाशंकर अकेला यादव ने कहा कि था बहुत जल्द ही बरही वासियों को घर-घर तक जलापूर्ति पहुंचाया जाएगा. जल आपूर्ति का रुका हुआ कार्य इधर फरवरी 2024 को पुनः पीएचडी कार्यालय का बाउंड्री कार्य किया गया. बरहाल इंटेक से रेजिंग पाइप को जल मीनार तक पहुंचाने का कार्य भी लटका हुआ है. इधर लोकसभा चुनाव 2024 का होने जा रहा है. मतदाताओं को एक बार फिर जनप्रतिनिधि दिक्षाने के कार्य कर रहे हैं.
ऐसे में विधायक के जनता से किए गए वादों का क्या होगा? बरहों की जनता को पानी की समस्या का कौन करेगा समाधान? इसका असर लोकसभा चुनाव में भी दिखेगा. कई लोगों से पूछा और जाना उन्होंने बताया कि जनप्रतिनिधि ऐसा होना चाहिए जो जनता के हर सुख-दुख को अपना समझे, पर कब तक बरही वासियों को इस तरह बोल कर कि पानी जल्द मिलेगा और ठगने काम करेंगे. सवाल है कि बरही की जनता को कब घर घर पानी मिलेगा.