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सिमडेगा/डेस्क:-वीर शहीद तेलंगा खड़िया स्मारक स्थल में मंगलवार को उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन योजना किया गया.
मौके पर स्मारक स्थल में सरना रीति रिवाज से उनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा अर्चना किया गया. साथ ही तेलंगा खड़िया की प्रतिमा पर मार्ल्यपण कर किया. इस अवसर पर तेलंगा खड़िया स्मारक समिति के अध्यक्ष मतियस कुल्लू ने तेलंगा खड़िया के संघर्षपूर्ण जीवन पर प्रकाश डाला और उनके आदर्श जीवन को अपनाने का आह्वान किया. कहा की तेलंगा के शहादत को संकल्प दिवस के रुप मे मनाने की जरूरत है. उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए शिक्षा को अपनाने और नशा का त्याग करने का अनुरोध किया. कुल्लु ने वीर तेलंगा के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि तेलंगा खाडिया ने अंग्रेजों के खिलाफ आजादी का उलगुलान किया था और अपनी जान की आहुति दी. उन्होंने उनके मार्ग पर चलते हुए क्षेत्र के विकास के लिए आंदोलन छेड़ने की बात कही.
सरना समिति के अध्यक्ष हरिश्चन्द्र भगत ने उनकी जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि उनके 900 सौ शिष्य थे. जिनके बदाैलत गुमला जिला के बेन्दोरा,सिसई,कुम्हारी,बसिया,कामडारा,रामपुर,महाबुआंग,लचड़ागढ़,सिमडेगा के बीरू,बेलगढ तक कार्य क्षेत्र था. सलाहकार फ्रांसिस कुल्लू ने कहा कि उन्हाेंने शोषण,जुल्म,अत्याचार को कभी भी बर्दाश्त नहीं करते थे. डोकलो महा सोहोर पी कुलकान्त केरकेट्टा,इसीदोर केरकेट्टा,अहलाद केरकेट्टा आदि नेताओं ने भी विचार व्यक्त किए.
इस अवसर पर प्रफुल्ल किड़ो,बिजय उरांव,रजत टेटे,अलफोंस डुंगडुंग,बिजय केरकेट्टा, इग्नेस सोरेंग,जोन बिलुंग,दोमनिक सोरेंग, निकोलस किड़ो,मथुरा डुंगडुंग,सुशीला केरकेट्टा आदि उपास्थित थे.