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रांची : कोरोना महामारी ने हजारों लोगों की जान ली. महामारी की वजह से हजारों की नौकरी चली गई. कोचिंग सेंटर, शिक्षक संस्थान बंद और सैकड़ों छोटे स्कूल बंद हो गए. हजारों लोग आर्थिक तंगी के दायरे में आ गए. पैसों की कमी ने कई लोगों को जान देने के लिए मजबूर कर दिया है. रांची के नरेश कुमार ने भी आर्थिक तंगी की वजह से अपनी जान दे दी. वह भी अपनी मां की आंखों सामने.
मां जा रहा हूं…यह बोलते हुए 30 वर्षीय नरेश ने अपनी मां की आंखों के सामने घर के छत से कूद कर जान दे दी. नरेश ने अपनी जान आर्थिक तंगी और उससे उत्पन्न आर्थिक परेशानी की वजह से जान दे दी, ऐसा परिजनों का कहना है. लालपुर के नगड़ा टोली में नरेश 7 साल से कोचिंग चलाते थे. कोरोना संक्रमण की वजह से कोचिंग सेंटर बंदी के कगार पर आ गया था. कोचिंग की कमाई से ही परिवार का भरण-पोषण होता था, लेकिन लॉकडाउन के बाद जब कोचिंग खुली, तो बच्चे नहीं के बराबर आए.
नरेश के परिजनों का कहना है कि वह तीन दिन पहले पिस्का मोड़ स्थित ससुराल गया था. वहां से लौटने के बाद से ही परेशान था. घर में बेचैन रहने लगा था. अपने खाना-पानी पर भी ध्यान नहीं दे रहा था. चाय नहीं देने पर दुनिया छोड़ने की बात कहता था. मां चाय की जगह सत्तू घोल कर दी. मां समझा रही थी, वह पुराने गाने गुनगुना रहा था और अचानक मां के सामने ही घर के छत से कूद गया.
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घटना से तीन दिन पहले नरेश ससुराल से लौट रहा था, परेशानी में वह कोकर थाना गया था. थाना में उसने बताया था कि वह परेशान है. आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं है. मैं जान दे दूंगा. पुलिस कर्मियों ने नरेश को समझा कर घर भेज दिया था.