न्यूज11 भारत
शहर की सफाई व्यवस्था सहित अन्य मामलों में रांची नगर निगम द्वारा बीते माह से लगातार अभियान चलाकर जुर्माना किये जाने से हो रही कठिनाईयों पर फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज ने आपत्ति जताई एवं कहा कि सभी मामलों में निगम द्वारा 25 हजार का जुर्माना किये जाने का आधार क्या है ? निगम की अव्यवस्था पर दुकानदारों को ही सॉफ्ट टॉर्गेट क्यों किया जा रहा है? वर्तमान में यह देखा जा रहा है कि किसी भी तरह के जुर्माने में 25 हजार का रसीद काटा जा रहा है, जो अनुचित है और चैंबर इसका विरोध करता है. ऐसी घटनाएं यदि शीघ्र बंद नहीं हुईं तो जल्द ही व्यापारियों को भी निगम की कार्यप्रणाली के विरोध में सडकों पर उतरना होगा.
चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा ने कहा कि कोविड-19 की परिस्थितियों से काफी हद तक निपटने के उपरांत जब आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही हैं. ऐसे ही समय में राजधानी रांची के मुख्य व्यवसायिक केंद्र अपर बाजार, मेन रोड सहित अन्य में रांची नगर निगम द्वारा अभियान चलाकर दुकानदारों एवं ग्राहकों से जुर्माना वसूलकर बाजार को प्रभावित किया जा रहा है. निगम द्वारा सुबह 6-7 बजे तक कचरा उठाव किया जाता है, जबकि बाजार में दुकानें 11 बजे खुलती हैं. समूचे क्षेत्र में स्थाई रूप से स्मॉर्टबीन की व्यवस्था नहीं किये जाने के कारण दुकानदारों को दुकानों का कचरा फेंकने में कठिनाई होती है. जिसके वजह से कई बार दुकानदारों को जुर्माना भरना पडता है. जुर्माने की राशि 25 हजार फिक्स है, जबकि इस राशि का आधार मांगने पर निगम के अधिकारियों द्वारा कोई जवाब नहीं दिया जाता है. फेडरेशन चैंबर यह महसूस करता है कि जुर्माना वसूलने के बजाए प्रत्येक क्षेत्र में स्मॉर्टबीन की व्यवस्था की जाए ताकि दुकानदार अपने कचरों को स्मॉर्टबीन में जमा कर सकें. साथ ही निगम द्वारा दिन में दो बार बाजार क्षेत्र के सभी स्मॉर्टबीन से कचरा उठाव किया जाए.
निगम और प्रशासन की इस कार्रवाई से दुकानदारों व ग्राहकों की शिकायत प्राप्ति पर आज चैंबर भवन में पदाधिकारियों की एक बैठक भी संपन्न हुई. यह कहा गया कि किसी भी तरह की कार्रवाई से पूर्व निगम को पहले व्यवस्था देनी चाहिए, व्यवस्था देने के बाद यदि उसका पालन नहीं होता, तब जुर्माना वसूला जाए. बैठक में चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा, उपाध्यक्ष दीनदयाल बरनवाल, महासचिव राहुल मारू, सह सचिव विकास विजयर्गीय उपस्थित थे.