न्यूज़11 भारत,
सिमडेगा/ डेस्क: नव प्रभात नव लय के साथ हिन्दू नववर्ष यानि नया संवत्सर चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि दिन मंगलवार 09 अप्रैल से हिंदू नववर्ष शुरू हो रहा है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इसी दिन ब्रह्मा जी ने धरती की संरचना की थी.
ज्योतिष शास्त्रों का कहना है कि इस बार विक्रम संवत 2081 में ग्रहों की दशा का दुर्लभ योग बन रहा है. इस बार कालयुक्त नाम संवत्सर रहेगा जिसका राजा मंगल, मंत्री शनि रहेगा. संवत्सर का प्रारंभ रेवती-अश्विनी नक्षत्र, वैधृति योग में होगा. सूर्य और चंद्र मीन राशि में स्थित होंगे. इस वर्ष अन्नोत्पादन अच्छा होगा किंतु राजा मंगल होने के कारण अग्निकांड और युद्ध जैसी घटनाएं अधिक होंगी. प्रजा के लिए यह संवत्सव उत्थान का होगा. मंत्री शनि होने के कारण मेहनत अधिक करनी होगी और उसी के अनुसार फलों की प्राप्ति होगी. इस संवत्सर में सात पद क्रूर ग्रहों को जबकि तीन पद शुभ ग्रहों को मिले हैं. इस बार मंत्री होंगे शनि, जो मेहनत करवाता है इसलिए राजा, प्रजा सभी को इस वर्ष मेहनत अधिक करनी होगी. आसानी से कोई काम नहीं होगा, जितनी मेहनत करेंगे उतना शुभ फल प्राप्त होगा. शासकों-प्रशासकों का व्यवहार कठोर होगा. शासन के कठोर निर्णयों से जनका में असंतोष की भावना रहेगी. महंगाई में वृद्धि होगी. शास्त्रों में वर्णन है कि शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है. ऐसे में इस पूरे वर्ष शनि देव जातकों को न्याय दिलाने में सकारात्मक भूमिका निभाएंगे. ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि नववर्ष की कुंडली में शनि और मंगल की युति होने से भाग्य में वृद्धि होगी और धन लाभ हो सकता है. ऐसे में मिथुन, कन्या, तुला और धनु राशियों को बहुत शुभ परिणाम सामने आने वाले हैं. वहीं, इस वर्ष रेवती नक्षत्र का खास संयोग बनने के कारण व्यापार में मुनाफा हो सकता है.
इस संवत्सर में विश्व में खराब अर्थव्यवस्था, महंगाई, असंतुलित वर्षा, जल, महंगे तेल, गैस और प्राकृतिक प्रकोप, महामारी के कारण जनता को अनेकों कष्ट, कई देशों में सत्ता परिवर्तन और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों के लिए अशुभ,जीवन संकटों का योग है. भारत सहित विश्व के अनेक देशों में गृह युद्ध जैसे हालात उत्पन्न होंगे,छद्म युद्ध और आतंकवादी घटनाएं बढ़ेंगी, भारत के पड़ोसी राज्यों में अस्थिरता के कारण तनाव बढ़ेगा,विदेश नीति प्रभावित होगी. इस वर्ष विश्व में उत्तर पूर्व,उत्तर,दक्षिण,दक्षिण-पूर्व और दक्षिण पश्चिम-दिशा के देशों में ज्यादा हालत खराब रहेंगे. शिक्षा,ज्ञान,धर्म संस्कृति, न्याय व्यवस्था,लोगों के कष्टों को दूर करने में मददगार साबित होगी.
नव संवत्सर के साथ चैत्र नवरात्र भी शुरू हो जाएगी. सिमडेगा में देवी गुड़ी सलडेगा और शिव मंदिर ठाकुर टोली में चैत्र नवरात्र में माता रानी का भव्य दरबार सजेगा और दस दिनों तक माता का पूजन अनुष्ठान होता रहेगा. जिसकी तैयारियां चल रही है.