न्यूज11 भारत
रांचीः महामारी कोरोना के बाद अब मंकीपॉक्स ने अपने बढ़ते मामलों से विश्वभर में भय फैला दिया है. इसके बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जाहिर की है. हाई अलर्ट जारी करते हुए WHO ने मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है. यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन मंकीपॉक्स के प्रकोप को वैश्विक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरे के रूप में देख रहा है. WHO के मुताबिक, इस प्रकोप से निपटने के लिए समन्वित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की जरूरत समझता है. बता दें, WHO ने आखिरी बार जनवरी 2020 में कोरोना संक्रमण के प्रकोप के जवाब में वैश्विक आपातकाल जारी किया था. जानकारी के लिए बता दें, मंकीपॉक्स के इस प्रकोप का केंद्र (Epicenter) यूरोप बना हुआ है. इधर भारत में इस प्रकोप के अबतक 4 मामलों की पुष्टि की गई है.
मंकीपॉक्स के प्रकोप के लिए अपने उच्चतम अलर्ट स्तर को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सक्रिय कर दिया है, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसुस ने कहा, 'एक महीना पहले मैंने आपातकालीन समिति से इस बात का आकलन करने के लिए कहा था कि कई देशों में फैला मंकीपॉक्स प्रकोप हेल्थ इमरजेंसी है या नहीं.' तब उन्होंने कहा कि 47 देशों में 3040 मामले सामने थे लेकिन तब से अबतक मंकीपॉक्स संक्रमण में काफी वृद्धि हुई है और वर्तमान में अब 75 देशों में 16 हजार से अधिक केस और पांच मौतों की पुष्टि की गई है. उन्होंने कहा कि प्रकोप को बढ़ता देख मैंने गुरुवार को समिति से नए डेटा को दोबारा देखने और उसके आधार पर मुझे सलाह देने के लिए कहा था.
टेड्रोस ने बताया कि समिति इस बात पर आम सहमति पर नहीं पहुंच पाई कि क्या मंकीपॉक्स हेल्थ इमरजेंसी है. आज हम जो रिपोर्ट प्रकाशित कर रहे हैं उसमें समिति के सदस्यों ने इसके पक्ष और विपक्ष में कारण बताए हैं. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ का आकलन है कि दुनियाभर और सभी क्षेत्रों में मंकीपॉक्स का खतरा मध्यम है लेकिन यूरोप में इसका खतरा उच्च है. आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में मंकीपॉक्स के अबतक करीब 15 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. मंकीपॉक्स से सबसे अधिक प्रभावित दक्षिण अफ्रीका है. उन्होंने कहा कि इस प्रकोप के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक फैलने का खतरा भी साफ है. उन्होंने कहा, 'आसान शब्दों में कहें तो हमारे बीच एक ऐसा प्रकोप है जो दुनियाभर में, नए तरीकों से, तेजी से फैल गया है और इसके बारे में हम बहुत कम जानते हैं. इन सब कारणों के चलते, मैंने यह तय किया है कि वैश्विक मंकीपॉक्स प्रकोप एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल है.'
मई से ही अपना पांव पसारने लगा था मंकीपॉक्स
मिली रिपोर्ट के मुताबिक, मंकीपॉक्स संक्रमण मई की शुरुआत से ही विश्वभर में तेजी से अपना पांव पसारना शुरू कर दिया था. प्रकोप को लेकर डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि इस वक्त मंकीपॉक्स प्रकोप विश्व के कई देशों में फैसले शुरू हो गए है. यह बीमारी अब उन देशों में भी फैल रही है, जहां आमतौर पर यह बीमारी पहले नहीं पाई गई है. उन्होंने बताया कि इस बीमारी की चपेट में खासतौर पर समलैंगिक और उभयलिंगी (Bisexual) पुरुष अधिक आ रहे हैं. इसके लक्षण अक्सर जननांग ( Genital ) और गुदा (Anal ) पर चकत्तों के तौर पर उभर रहे हैं. इसी वजह से डॉक्टर्स इसे दाद या सिफलिस समझ रहे हैं. उन्होंने बताया कि प्रकोप की चपेट में यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका, पश्चिमी प्रशांत और पूर्वी भूमध्यसागरीय जैसे कई देश आए हैं. उन्होंने कहा कि 2022 में यह प्रकोप काफी बढ़ गया है.
मंकीपॉक्स पर इमरजेंसी से यूएन ने किया था इंकार
मंकीपॉक्स को लेकर वैश्विक आपातकाल घोषित करने से संयुक्त राष्ट्र( UN) एजेंसी ने पिछले महीने ही इंकार किया था. लेकिन पिछले कई हफ्तों में संक्रमण इतना अधिक बढ़ गया, कि इस प्रकोप ने डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम गेब्रियेसस को हाई अलर्ट जारी करने के लिए मजबूर कर दिया.डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक 75 देशों में मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आए हैं. जून के अंत से लेकर जुलाई की शुरुआत तक पुष्टि किए गए संक्रमणों की संख्या में 77 फीसदी की वृद्धि हुई है. पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने वाले पुरुषों को इस समय संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा बताया जा रहा है.इस साल अफ्रीका में इस वायरस से पांच लोगों की मौत हुई है. मंकीपॉक्स से अफ्रीका के बाहर अब तक किसी की मौत की सूचना नहीं है.
प्रकोप में समलैंगिक पुरुष सबसे ज्यादा संक्रमित
डब्ल्यूएचओ अपने सदस्य देशों के लिए सिर्फ सिफारिशें जारी करता है न कि आदेश. इस साल अब तक करीब 75 देशों में 16,000 से अधिक केस रिपोर्ट किए जा चुके हैं. एजेंसी के डेटा के अनुसार जून के अंत से जुलाई की शुरुआत तक पुष्ट मामलों की संख्या में 77 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने इस सप्ताह कहा कि अफ्रीका के बाहर मिले मंकीपॉक्स के 99 फीसदी मामले पुरुषों से जुड़े हैं, इसमें भी 98 फीसदी मरीज वे पुरुष हैं जिन्होंने किसी पुरुष से यौन संबंध बनाया. हालांकि यह रोग किसी भी उस व्यक्ति को हो सकता है, जो मंकीपॉक्स से संक्रमित रोगी से निकट शारीरिक संपर्क में है.