प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग संसदीय क्षेत्र में मतदान 20 मई को है. हजारीबाग संसदीय क्षेत्र से दो प्रमुख प्रत्याशी भाजपा के मनीष जायसवाल और कांग्रेस के जेपी पटेल का चुनाव प्रचार अभियान जोर पकड़ते जा रहा है. दोनों ही प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात जनसंपर्क और जनसंवाद कर रहे है. मतदाताओं का विश्वास जीतने के लिए उनकी हर मांग को पूरा करने का आश्वासन दे रहे है. दोनों ही प्रत्याशियों के बीच शब्द वाण भी खूब चल रहे. इन्ही सब के बीच दोनों प्रमुख दलों बीजेपी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी सामने आ रही है, जो मनीष जायसवाल और जय प्रकाश भाई पटेल को महंगी पड़ सकती है.
ऐसे में दोनों प्रत्याशियों के सामने अपनी-अपनी पार्टी के नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने की चुनौती है. कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता नाराज दिखाई दे रहे हैं, लेकिन वह पार्टी के नाम पर खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं. इनमे कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भी शामिल है जो समय-समय पर जिला कांग्रेस के उच्च पदों पर रह चुके है. हालांकि दबी जुबान में वे इंडिया गठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव प्रबंधन पर सवाल उठा रहे हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर कई पुराने और युवा कार्यकर्ताओं व नेताओं ने बताया कि जेपी पटेल का सलाहकार कौन है इसकी उन्हें जानकारी नहीं है, लेकिन जो भी उन्हें सलाह दे रहा है वह गलत कर रहा है. उन्हें छोटे-छोटे और पुराने कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करना महंगा पड़ सकता है और उनकी हार का कारण उनके सलाहकार बन सकते है.
कांग्रेस प्रत्याशी के रवैये से नाराजगी
कांग्रेसियों ने यह भी बताया कि पिछले दिनों एक बैंक्वेट हॉल में हुई मीटिंग में पुराने कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता नहीं पहुंचे और उस वक्त भी बैठक में प्रत्याशी द्वारा बोला जा रहा था कि पिछले तीन चुनाव में कांग्रेस हार चुकी है. इस बार चुनाव हम खुद अपने दम पर जीतेंगे, मुझे किसी की सलाह की आवश्यकता नहीं है. हम अपने जाति समीकरण से ही चुनाव जीत कर दिखाएंगे. उस बैठक में एक वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे और जेपी पटेल को अलर्ट रहने का सुझाव दिया था.
भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह का त्यागपत्र
इधर, भाजपा की बात करें तो यहां भी कुछ पुराने भाजपाइयों खासकर निवर्तमान सांसद जयंत सिन्हा के समर्थको में खूब नाराजगी देखी जा रही है. जयंत के कई समर्थक अंदर ही अंदर छोड़कर इंडिया गठबंधन का सहयोग कर रहे हैं. जबकि रविवार को राज्य सभा सदस्य दीपक प्रकाश पुराने भाजपाइयों को मनाने में लगे थे, लेकिन अभी भी कई भाजपाई पार्टी में रहने के बावजूद वे पार्टी प्रत्याशी का समर्थन नहीं कर रहे हैं. सोमवार को सुरेंद्र सिंह ने भाजपा से त्यागपत्र दे दिया है. इसके अलावा रामगढ़ में भी जयंत के कई समर्थको ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया.
कांग्रेस प्रत्याशी के सलाहकार पर उठाए जा हैं रहे सवाल
जिला के कई कांग्रेसियों ने यह भी कहा कि पार्टी प्रत्याशी का सलाहकार खुद प्रत्याशी के साथ खेल कर रहा है. वह एक ठेकेदार है, जो कभी जात वाले के वोट का दावा कर रहा है, तो कभी सुप्रीमो के सामने अपना चेहरा चमका रहा है. उसने एक बिजनेसमैन से लगभग 50 लाख रुपये का सामान उधार लिया और उसे पैसा नहीं दे रहा है. बदले में अब विधानसभा में टिकट दिलाने की बात कह रहा है. ऐसे नेता हमारे प्रत्याशी को सलाह दे रहा है. यह चुनाव एकजुट होकर लड़ने की जरूरत थी और जीत हासिल करना मकसद था. अगर इस चुनाव में महागठबंधन प्रत्याशी की जीत होती है तो इसमें मुन्ना सिंह, अंबा प्रसाद, अकेला यादव के अलावे कुछ नेता की अहम भूमिका रहेगी. वह दिल से प्रत्याशी को मदद कर रहे हैं.