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रांची: रांची के पंडरा बाजार समिति में पहले चरण के पंचायत चुनाव में डाले गए वोटों की काउंटिंग 17 मई को सुबह 8 बजे से जारी है. करीब 6 राउंड की कांउटिंग होनी है. मतगणना कार्य को लेकर स्ट्रांग रूम से काउंटिंग हॉल तक मत पेटियां पहुंचाने और लाने के लिए करीब 600 मजदूरों को जिला प्रशासन की ओर से लगाया गया है. मजदूरों को लाने के लिए कांट्रेक्टर को जिम्मेदारी सौंपी गई. मगर सुबह करीब 6.00 बजे से कार्यरत मजदूरों को दिन के करीब 4.00 बजे तक खाना ही नहीं दिया गया. इसको लेकर कार्य कर रहे मजदूरों ने खाना नहीं मिलने तक कार्य का बहिष्कार कर दिया. जिसके कारण करीब 45 मिनट तक मतगणना का कार्य प्रभावित भी हुआ. जिला प्रशासन के पदाधिकारियों ने किसी तरह समझाया. कहा, उनके लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है. तब तक वे कार्य करें. इसके बाद सभी मजदूरों ने दोबारा कार्य शुरू किया.
कांट्रेक्टर के द्वारा लाए गए हैं मजदूर
जिला प्रशासन ने काउंटिंग कार्य में सहयोग के लिए मजदूरों को लाने की जिम्मेदारी एक कांट्रेक्टर को सौंपी है. प्रत्येक मजदूर के लिए जिला प्रशासन की ओर से 500 रुपए की दर से कांट्रेक्टर को राशि दी जानी है. इसी राशि से कांट्रेक्टर को खाने की व्यवस्था करनी थी. मगर दोपहर गुजरने के बावजूद जब मजदूरों को भोजन नहीं उपलब्ध कराया गया तो वे आक्रोशित हो गए. उनका कहना था कि सुबह 6 बजे से कार्य लिया जा रहा है. इतनी गर्मी है. भूख से हालत खराब है. खाना के लिए बोलने पर भी खाना नहीं मिल रहा. इस बात को लेकर दर्जनों मजदूर कार्य बंद कर काफी देर तक हल्ला-हंगामा करते रहे.
एक मजदूर हुआ बेहोश, भेजा गया अस्पताल
मतपेटी लाने- ले जाने का कार्य कर रहा एक मजदूर अचानक बेहोश हो गया. उसके सिर पर पहले से ही चोट लगी थी. अचानक गिरने से पहले से लगा जख्म और गहरा हो गया. काफी खून बहने लगा. साथी मजदूरों को कहना था कि बिना खाना खिलाए कार्य कराने के कारण ऐसा हुआ. हालांकि, जिला प्रशासन की ओर से एंबुलेंस बुलाकर उक्त मजदूर को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया.
दोपहर में खाने में दी गई पुड़ी-सब्जी
मजदूरों का कहना है कि सुबह में नाश्ता नहीं दिया गया. बस एक केला, ब्रेड के दो टूकड़े और एक जूस ही दिया गया. बाद में खाना के नाम पर पुड़ी-सब्जी दी गई. जबकि, नाश्ता के नाम पर कुछ नहीं था. इधर, इस संबंध में जिला पंचायती राज पदाधिकारी वीरेंद्र चौबे का कहना है कि अधिकतर मजदूर का कहना है कि वे चावल-दाल को ही खाना मानते हैं. जबकि, ब्रेड, जूस व केला बेहतर नाश्ता के तहत उन्हें कांट्रेक्टर ने उपलब्ध कराया था. वैसे जिला प्रशासन अपने स्तर से उनके लिए खाना तैयार करवा रही है. अब आगे से चावल-दाल सब्जी आदि ही उन्हें भोजन में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.