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रांची: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से आ रही है खबर जिसमें एक मुस्लिम महिला ने अपने ससुराल वालो पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है साथ ही तीन तलाक और हलाला के खिलाफ भी आवाज बुलंद की है. मुस्लिम महिला द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत में कई सनसनीखेज आरोप लगाए गए हैं.अपनी शिकायत में महिला ने बताया कि निकाह के एक साल के भीतर ही पीड़िता को उसके पति ने तीन तलाक दे दिया था. तलाक का कारण था कि ससुराल वाले दहेज की मांग कर रहे थे. पीड़िता ने आपबीती बताया कि बीते साल फरवरी में उसकी शादी लखनऊ डालीगंज निवासी एक युवक से हुई थी.
दहेज में जरूरत की हर चीज दिए जाने के बाद भी, लालची ससुराल वाले महिला पर बुलट मोटर साइकिल, डेढ़ लाख रुपए मायके से और लाने का लगातार दबाव बना रहे थे. एक साल तक महिला ने जैसे तैसे यह सोचकर जुबान बंद रखी कि, निकाह टूटने न पाए. जब कोई रास्ता नहीं निकला और महिला की चुप्पी को ससुराल वालों ने उसकी कमजोरी समझकर, तलाक तक करा डाला तो फिर महिला ने भारतीय कानून का सहारा लिया औेर ससुराल वालों के खिलाफ सराकायत दर्ज काराई. पीड़िता द्वारा थाने में दी गई शिकायत में कहा गया है कि, ससुराल में उसकी जिठानी, ननद, पति और ससुर भी बाकी अन्य आरोपियों के साथ मिलकर प्रताड़ित करते थे.
महिला ने जेठ द्वारा खुद के साथ छेड़छाड़ करने और रेप की कोशिश का संगीन आरोप पुलिस को दी शिकायत में लगाया है. इन्हीं तमाम कष्टों के चलते महिला बीते साल सितंबर महीने में ससुराल छोड़कर मायके में रहने आ गई थी. 8 दिसंबर 2022 को महिला पक्ष शादी में बिचौलिया रहे कयूम के साथ ससुराल पक्ष के साथ सुलह की बात भी की. लड़की के पिता ने तब और दहेज दे पाने में लाचारी जताई.
उसी बात से खफा पति ने सरेआम तीन तलाक दे डाला था. इसके बाद तलाक के बाद दुबारा से ससुराल में महिला को मंजूर करने के लिए हलाला की शर्त रखी गई. महिला ने ससुराल वालों से हलाला कराने से जब साफ इनकार कर दिया, तो वहां (ससुराल में) हड़कंप मच गया. क्योंकि जो महिला निकाह के बाद से ही ससुराल वालों के सौ-सौ अत्याचार गर्दन नीचे डालकर झेल रही थी. वो भला दुबारा से घर बसाने के लिए अपना हलाला कराने की शर्त पूरी करने से कैसे इनकार कर सकती थी? बता दें तीन तलाक के बाद भी जब ससुराल वालों ने महिला (पीड़िता) को अपने पांवो में झुका हुआ नहीं पाया तो, उन्होंने खुद ही 13 जनवरी को फिर से समझौते का प्रस्ताव पेश किया.
साथ ही शर्त रखी कि समझौता तभी होगा जब महिला ससुराल पक्ष के सभी मर्दों के साथ हलाला की रस्म निभाएगी. बस इसी बात से महिला उखड़ गई और उसने तय कर लिया कि अब चाहे निकाह बचे या न बचे, वो हलाला की शर्त कतई मंजूर नहीं करेगी. और उसने बाराबंकी एसपी से मिलकर उन्हें पूरी बात बताई. पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने भी मुस्लिम विवाह अधिनियम व अन्य कानूनी धाराओं में 11 ससुराल वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. वहीं इस मुस्लिम महिला का कहना है कि जब निकाह एक साल तक भी नहीं चल सकी. तो अब इस बात की गांरटी ऐसे ससुराल में कौन लेगा कि, हलाला की शर्त महिला द्वारा मान लिए जाने के बाद भी उसके ऊपर ससुराल पक्ष अत्याचार नहीं करेगा. अब निकाह बचे या जाए ससुराल वालों को उनके गुनाहों की सजा दिलवा कर रहुंगी.