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रांची/डेस्क: इन दिनों दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच तनातनी चल रही है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार के मंत्रियों की एक बैठक बुलाई थी, जिसमें मंत्रियों ने आने से साफ इंकार कर दिया. इसको लेकर उपराज्यपाल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिख कर शिकायत भी की है.
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इधर दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल द्वारा बैठक बुलाए जाने की जमकर आलोचना की है. दिल्ली में पानी स्वास्थ्य और अन्य सेवाओं पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा मुख्य सचिव को लिखे पत्र का जवाब देते हुए मंत्री सौरभ भरद्वाज ने कहा कि उपराज्यपाल अब किस अधिकार से राज्य सरकार को हस्तांतरित विषयों पर मंत्रियों की बैठक बुला रहे हैं? पानी और स्वास्थ्य चुनी हुई सरकार के अधीन है. उपराज्यपाल इस संबंध में मंत्रियों को आदेश नहीं दे सकते.
एक सोची समझी साजिश के तहत उपराज्यपाल के चहेते अधिकारी दिल्ली सरकार के अस्पतालों में दवाओं की कमी पैदा कर रहे हैं. जब हम उपराज्यपाल को अपनी समस्या बताते हैं तो वह कहते हैं कि यह स्थानांतरित विषय है और उनके नियंत्रण में नहीं है? अगर उपराज्यपाल को सरकार चलाने का इतना ही शौक है तो उन्हें चुनाव भी जीतना चाहिए और सरकार चलानी चाहिए.