World AIDS Day 2021: विश्व में हर साल 1 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय एड्स दिवस मनाया जाता है. एड्स यानी एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम और एचआईवी यानी मानव इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस महामारी के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए 1 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स दिवस मनाया जाता है. वर्ल्ड एड्स दिवस 2021 की थीम "असमानताओं और एड्स को समाप्त करें" रखी गई है. वैश्विक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए विश्व एड्स दिवस मनाने की शुरुआत 1988 में की गई थी. पहली बार विश्व एड्स दिवस 1 दिसंबर 1988 को मनाया गया था.
क्यों मनाते हैं एड्स दिवस
एड्स एक पुरानी बीमारी है एचआईवी वायरस के कारण होगा है. रोग के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है और लोग संक्रमण और बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. एड्स के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है. प्रारंभ में विश्व एड्स दिवस को सिर्फ बच्चों और युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था, लेकिन बाद में पता चला कि एचआईवी संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है. इसके बाद साल 1996 में HIV/AIDS पर संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर इसके प्रचार और प्रसार का काम संभालते हुए साल 1997 में विश्व एड्स अभियान के तहत संचार, रोकथाम और शिक्षा पर कार्य करना शुरू किया.
क्या आप जानते हैं एचआईवी शरीर में कहां पाया जाता है? यह शरीर के सभी ऊतकों में पाया जाता है लेकिन संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थ के माध्यम से रक्त, वीर्य, स्तन के दूध आदि के माध्यम से प्रेषित होता है. यह मुख्य रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली में टी-कोशिकाओं पर हमला करता है. एचआईवी यौन संपर्क, रक्त संचरण, प्रसवकालीन संचरण के माध्यम से फैलता है. लक्षणों में बुखार, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, थकान, कमजोरी, अनजाने में वजन कम होना आदि शामिल हो सकते हैं.