Tuesday, Apr 23 2024 | Time 16:53 Hrs(IST)
 logo img
  • पलामू लोकसभा से आज तीन प्रत्याशियों ने किया नामांकन
  • पलामू लोकसभा से आज तीन प्रत्याशियों ने किया नामांकन
  • चैनपुर में धूमधाम से मनाया गया प्राकृतिक पर्व सरहुल,बैगा के द्वारा सरहूल फूल का किया गया वितरण
  • Weather Update: इन राज्यों में बारिश का ALERT जारी, जानें अपने शहर का हाल
  • झारखंड मुक्ति मोर्चा से जुड़े लोकपाल के मामले में निशिकांत दुबे को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया नोटिस
  • YK DAS के सारे कामों पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
  • खुशखबरी ! अब Pocket पर नहीं होगा असर, IRCTC काफी कम बजट में कराएगी 7 ज्योतिर्लिंग के दर्शन
  • जेल में बंद इंजिनियर वीरेंद्र राम के पिता एवं पत्नी के खिलाफ 82 का इश्तेहार हुआ जारी
  • बीती रात मोरहाबादी के निकट हुई सड़क दुर्घटना पर HC जज ने लिया संज्ञान
  • बीती रात मोरहाबादी के निकट हुई सड़क दुर्घटना पर HC जज ने लिया संज्ञान
  • तिहाड़ जेल में अरविंद केजरीवाल को दी गई इंसुलिन, AAP ने कहा बजरंगबली के आशीर्वाद का नतीजा
  • मतदाताओं की शत प्रतिशत भागीदारी के लिए डीलरों के साथ बैठक
  • श्री रामकृष्ण शारदा आश्रण शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में छह दिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन
  • सिंहभूम लोकसभा सीट से जोबा मांझी ने भरा नामांकन पर्चा
  • अथाह जल भंडार, होने के बावजूद बरही में पानी की विकराल समस्या
NEWS11 स्पेशल


कोरोना से राहत! WHO का दावा 2022 में ओमिक्रॉम का हो जाएगा अंत, वैक्सीन लेना जरूरी

कोरोना से राहत! WHO का दावा 2022 में ओमिक्रॉम का हो जाएगा अंत, वैक्सीन लेना जरूरी
न्यूज 11 भारत

रांची : देश और विदेश में तेजी से फैलते ओमिक्रॉन संक्रमण के बीच एक राहत की खबर है. WHO, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डॉ. टेड्रस अधनोस ने बताया है कि 2022 में ओमिक्रॉन को हो जाएगा अंत जाएगा. इस महामारी से लोगों को निजात मिलेगी. इस संक्रमण वाले कोविड-19 का यह आखिरी वर्ष साबित हो सकता है. इसके लिए विकसित देशों को अपने वैक्सनी का आदान प्रदान करना होगा. वैक्सीन दूसरे देशों के साथ साझा करना होगा. यह कोरोना महामारी तीसरे साल में प्रवेश करते हुए कमजोर स्थिति में पड़ते जा रहा है. उन्होंने बताया है कि WHO टीम को यकीन है कि वर्ष 2022 में कोरोना महामारी पूरी तरह से सप्मात हो जाएगा. इसमें सीर्फ संक्रीर्ण राष्ट्रवाद और वैक्सीन के जमाखोर बाधा उत्पन्न कर सकते हैं. 

 

डॉ. टेड्रस ने बताया है कि वैक्सीन की कमी और असमानता ने ही ओमिक्रॉन जैसे वैरिएंट के पनपने में सहयोग किया है. ऐसी परिस्थितियां पैदा हुई हैं. वैक्सीन की असमानता जितनी ज्यादा रहती है, वायरस के विकसित होने का जोखिम भी उतना ही बढ़ जाता है. जिसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. जो आंकड़े सामने आए है उनके अनुसार दुनिया के कई हिस्से वैक्सीन में पिछड़ रहे है. जो घातक साबित हो सकता है. डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कोन्गो, बुरूंडी, चाड और हैटी जैसे देशों में पूरी तरह वैक्सीनेट लोगों की आबादी एक प्रतिशत से भी कम है, जो सबके लिए चिंता का विषय है. दूसरी तरफ हाई इनकम वाले देशों में वैक्सीनेट लोगों की संख्या 70 प्रतिशत से ज्यादा होने का अनुमान लगाया जा रहा है, आंकड़े भी कुछ ऐसे ही बता रह हैं. डॉ. टेड्रस का कहना है कि अगर वैक्सीन को लेकर असमानता बनी रही, तो जो स्थिति कभी भी सामान्य नहीं होगी. असमानता को समाप्त कर ही सामान्य जीवन में सबों की वापसी हो सकती है. 

 


 

डॉ. टेड्रस ने बताया है कि WHO के साथ ग्लोबल वैक्सीन फैसिलिटी COVAX और अन्य सहयोगी विश्वभर में उन लोगों के लिए वैक्सीन, टेस्ट और इलाज को बेहतर बनाने में जुटे हुए है, जिनको बेहतर इजाल प्रदान करने की जरूरत है. विश्व स्तर पर हम वैक्सीन की असमानता को समाप्त करते हैं, तो महामारी का अंत निश्चित हो जाएगा. वैक्सीन के दम पर अबतक लाखें जाने बचाई जा चुकी है और आगे भी वैक्सीन से ही जान बचाई जा सकती है. वर्तमान में चिकित्सा सिस्टम पहले से ज्यादा अपडेट हो चुका है. डॉक्टरो के पास इस महामारी से बचाव और इजाल के लिए नई दवाएं, मेडिकल टूल्स भी मौजूद है. 

 

डॉ टेर्डस का कहना है कि पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर WHO नजर रखे हुए है. अबतक जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार कोविड-19 से के 81 फीसद से ज्यादा मामले ऐसे हैं, जिन्हे बूस्टर डोज नहीं मिला है. नए आंकड़ों के अनुसार बूस्टर डोज से ओमिक्रॉन के मामलों में अस्पताल पहुंचने वालों की संख्या में तकरीबन 90 प्रतिशत मामलों को कम किया जा सकता है. अगर किसी ने वैक्सीन नहीं लिया है, तो अस्पताल में भर्ती होने की संभाचना तकरीबन 10 गुना जयादा है. इसलिए इस महामारी में वैक्सीन ही एक मात्र बचाव का रास्ता है. वैक्सीन लेना सबके लिए बेहतर जरूरी है.
अधिक खबरें
महुआ के 'फूलों की खुशबू' से गरीबों के जीवन में आ रही 'खुशहाली'
अप्रैल 08, 2024 | 08 Apr 2024 | 1:56 AM

हजारीबाग में मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में जंगलों में महुआ के फूल गिरने लगते हैं. इन्हें इकट्ठा करने के लिए लोग मार्च से मई महीने में करीब 15 दिनों तक जंगल जाते हैं. इस दौरान महुआ के फूलों को चुनने के लिए पेड़ के नीचे की जमीन को साफ करने के लिए सूखे पत्तों में आग लगा दी जाती है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा से खास बातचीत, बेबाकी से रखी अपनी बात
अप्रैल 05, 2024 | 05 Apr 2024 | 9:36 AM

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने अपने आवास ऋषभ वाटिका में हजारीबाग संसदीय क्षेत्र की राजनीति के अलावे देश के बड़े मुद्दों पर अपनी राय रखते हुए मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. कहा कि 1984 में भले ही हजारीबाग संसदीय क्षेत्र की जनता ने मुझे महज 10 हुजार 727 वोट दिया लेकिन मुझे इन वोटों के साथ एक निर्वाचन क्षेत्र मिल गया. मैं जब चाहूं हजारीबाग में भाजपा को दो फाड़ कर सकता हूं. इन 40 वर्षों के अपने इ

महुआ बन रहा ग्रामीणों के आर्थिक संरचना का आधार: बिचौलियों के कारण नहीं मिल रहा ग्रामीणों को उचित मूल्य
मार्च 28, 2024 | 28 Mar 2024 | 11:25 AM

झारखण्ड के दक्षिणी छोर पर बसे सिमडेगा की मुख्य आर्थिक संरचना वन उत्पादों पर आधारित है. कल कारखानों से रहित इस जिले मे मुख्य जीविका वनो से निकली उत्पादो पर ही अधारित हैं इन मे से सबसे महत्वपुर्ण उत्पाद महुआ है.

Summer Vacation: अगर आप भी गर्मी में कर रहे है घूमने का प्लान तो जरूर विजिट करें देश की ये बेस्ट जगहें
मार्च 18, 2024 | 18 Mar 2024 | 1:20 AM

हमारा भारत एक ऐसा देश है जहां हर मौसम में घूमने के लिए जगह बदल जाती है. अब लोगों को लगभग लगभग ठंड से राहत मिल गयी है. वहीं अब गर्मी का मौसम आने वाला ही है. ऐसे में लोग अभी से ही गर्मियों की छुट्टी में घूमने का प्लान बना लेते है. अगर आप भी घूमने का प्लान बना

महिलाओं को सफर में नहीं लेना होगा टेंशन क्योंकि अब साथ है 'मेरी सहेली'
मार्च 15, 2024 | 15 Mar 2024 | 3:21 AM

दिन-ब-दिन महिलाओं के साथ अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं. ट्रेन हो या चाहे बस कहीं भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है. ऐसे में सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई तरह की योजना लाई जाती है. मेरी सहेली योजना भी एक ऐसी योजना है, जिसमें महिलाओं को यात्रा के समय सुविधाएं दी जाती है.