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रांची: झारखंड के मनरेगा और खनन घोटाले की जांच की आंच अब IAS पूजा सिंघल के बाद दूसरे आईएएस अफसरों और रसूखदारों के करीब पहुंच गई है. अबतक के पूछताछ में मिली जानकारी के बाद ED की टीम ने मंगलवार को झारखंड के 6 ठिकानों पर एक साथ छापामारी की. इसमें अशोक नगर के रोड नंबर 6 स्थित विशाल चौधरी के घर भी छापेमारी हुई. इसके घर से छह करोड़ से ज्यादा कैश मिलने की सूचना है. इसकी आधिकारिक पुष्टि अबतक नहीं हो पाई है. मगर ईडी को नोट गिनने के लिए दो मशीनें लानी पड़ी. नोटों की गिनती जारी है. इस छापेमारी में ईडी को कई अहम जानकारियां हाथ लगी है. इसके बाद ईडी की टीम विशाल चौधरी को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई. विशाल चौधरी को ED की टीम उनके दफ्तर वापस भी लेकर आ गयी है. विशाल के मोबाइल से पता चला है कि प्रदेश के कई आला अफसर और रसूखदार करीबी थे. जिनका इसके घर आना-जाना होता था. विशाल के घर में बार होने की सूचना है. जहां महंगे-महंगे वाइन और विस्की की बोतले मिली हैं.
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विशाल का घर देखने में सामान्य सा लगता है, लेकिन आसपास के लोगों की माने तो यहां रातें रंगीन हुआ करती हैं. रोजाना महंगी-महंगी गाड़ियां आती थी. झारखंड के कई आला अफसर घर पर आना जाना करते थे. विशाल उनके हर सुख का ध्यान रखता था. बदले में उसे भी रिटर्न गिफ्ट मिलता था. सरकारी योजनाओं का काम बिना हाथ पांव मारे मिल जाता. ईडी की यह छापेमारी अवैध माइनिंग से जुड़ी है. इसमें विशाल चौधरी भी आरोपी है. त्रिवेणी चौधरी उसके पिता हैं. त्रिवेणी चौधरी कौशल विकास विभाग में सीनियर अफसर हैं. इन्हें सत्ता और पूजा का करीबी बताया जाता है. विशाल चौधरी मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला है. रांची में फ्रंटलाइन ग्लोबल जैसी कई कंपनियां बनाकर इसने झारखंड में सरकारी टेंडर हासिल किया. स्किल इंडिया के कई प्रोजेक्ट पर भी यह काम कर रहा है. जांच एजेंसियों के द्वारा इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गई है.
एप्पल फोन बढ़ा सकता है कईयों की परेशानी
विशाल चौधरी के घर से ईडी को एप्पल फोन मिले है. छापामारी टीम को देख उसने अपने फोन कुड़ेदान में फेंक दिया था. इस फोन के मिलने पर कई कड़ियां जुड़ी हैं. इसमें सत्ता के गलियारे में दलाल प्रेम के नाम से प्रसिद्ध कलेक्टर(उगाही करने वाला) का नाम भी सामने आया है. इस कलेक्टर का संबंध वर्तमान सरकार के कई मंत्रियों और अफसरों के साथ है. इसने ही विशाल के कहने पर एक बड़े राजनेता की पत्नी को एप्पल फोन और सीम उपलब्ध कराया था. जिसमें ईडी को कई लेन-देन के ट्रानजेक्शन मिले है. कई अहम सबूत भी हाथ लगे है. यह वहीं दलाल प्रेम है, जो अचानक रांची से गायब हो गया. पहले विशाल चौधरी के साथ मिलकर आईएएस-आईपीएएस और अन्य अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग का कारोबार चलाते थे. विशाल को झारखंड के ब्यूरोक्रेट्स की काली कमाई का बड़ा निवेशक बताया जा रहा है.
कई अफसरों का नाम आ सकता है सामने
ईडी द्वारा खनन अधिकारियों से चल रही पूछताछ के बाद मिले इनपुट और अबतक की पूछताछ में विशाल नाम सामने आया है. केवल पूजा सिंघल ही नहीं पाइपलाइन में वर्तमान में राज्य में सक्रिय कई अफसर भी हैं. विशाल चौधरी राज्य के कुछ आइएएस अफसरों का करीबी है. जांच में ऐसे अफसरों के नाम सामने आ सकते हैं.