प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: पूरे प्रदेश में में सड़कों की जाल बिछाई जा रही है. वही बरकट्ठा प्रखंड के आज भी कई गांव है, जहां आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी सड़क नहीं बन पाया. सरकार तो बदलती है जरूर लेकिन गांव की सड़क नहीं. लोकसभा चुनाव में सड़क निर्माण को लेकर प्रखंड के कई गांवों में हलचल मचा हुआ है. गोरहर पंचायत के पहाड़पुर, पातीतिरी और चेचकप्पी पंचायत के सिजुवा में सड़क निर्माण नहीं होने से ग्रामीणों ने विरोध मार्च निकल कर कहा रोड नहीं तो वोट नहीं. इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव को हम सभी ग्रामीण वोट का बहिष्कार करेंगे. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के 75 साल और झारखंड राज्य बनने के 24 साल बीत जाने के बाद भी चेचकप्पी पंचायत क्षेत्र के सिजूवा और गोरहर पंचायत क्षेत्र अंतर्गत ज्वार पहाड़पुर, पतितिरी के लोगों को सड़क का नसीब नहीं हो सका. जिस कारण उक्त पंचायत में ग्रामीणों को आने जाने में काफी परेशानी होती है.
मौके पर आदिवासी समाज के प्रखण्ड सचिव मनोज मुर्मू ने कहा की बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र में जहां जहां आदिवासी गांव है. वहां वहां रोड नही है. कहा प्रखण्ड कार्यालय से गोरहर पंचायत महज 8 किलो मीटर की दूरी पर है और चेचकपी पंचायत भी 8 किलो मीटर है इसके बावजुद इसके सड़क निर्माण नही हो पाया है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति बीमार या प्रसुती महिला रहे तो उसे खटिया की सहारे ले कर जाना पड़ता है. विरोध मार्च के दौरान ग्रामीणों ने कहा रोड नहीं तो वोट नहीं. वही विरोध मार्च में समाजसेवी राजाराम मांझी, रामू टुडू, अनिल कुमार सिंह, रामू मराड़ी, तालो मरांडी, नुनवा मांझी, प्रकाश सोरेन, मुनू टुडू, प्रमेश्वर बासके, सूरज हेमराम, प्रकाश बेसरा, वासुदेव मुर्मू, मनोज मुर्मू, रमेश बासके, मार्शल मुर्मू, कन्हाय बेसरा, अर्जुन बस्के, शिबू मांझी, गुरुदेव गुप्ता, अशोक कुमार, मोहन साव, शिव शंकर साव समेत दर्जनों लोग शामिल थे.