सरफराज कुरैशी/ न्यूज11, भारत
वाहन का नाम ट्रांसफर, रजिस्ट्रेशन का रिन्युअल, डुप्लीकेट आरसी और एनओसी सहित अन्य कार्यों के लिए लोग कई बार आरोप लगाते हैं कि डीटीओ कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. समय पर कार्य नहीं होता. जबकि, इसके इतर कई मामले ऐसे भी हैं जहां आवेदक ही काम कराने के लिए नहीं आ रहे हैं. ऐसे में उन आवेदनों के निष्पादन के लिए अब डीटीओ कार्यालय को ही नोटिस जारी कर आवेदकों को बुलाना पड़ रहा है. दरअसल डीटीओ प्रवीण प्रकाश ने वैसे 85 आवेदकों को नोटिस जारी कर बुलाया है जिन्होंने फीस तो जमा किया मगर अपना कार्य कराने के लिए कार्यालय नहीं आ रहे हैं. जानकारी के अनुसार अपने कार्य के लिए डीटीओ कार्यालय में आवेदन देकर उसका फीस जमा कर दिए. मगर जरूरी कागजात कार्यालय की ओर से मांगा गया तो उसे जमा करने दोबारा कार्यालय ही नहीं पहुंचे. ऐसे में रांची डीटीओ प्रवीण प्रकाश की ओर से ऐसे लोगों को नोटिस जारी की गई है. जिसमें कहा गया है कि एक सप्ताह में संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराकर अपना काम निष्पादित कराएं.
10 साल पहले के भी आवेदन हैं पेंडिंग
डीटीओ की ओर से जारी नोटिस में वर्ष 2012 के आवेदन भी पेंडिंग हैं. वहीं, मार्च 2022 के आवेदन भी इस सूची में शामिल हैं. कई आवेदन वर्ष 2014, 2017, 2018 के भी हैं. मतलब साफ है कि ऐसे वाहन मालिकों ने आवेदन तो किया फिर अपना कार्य कराना ही भूल गए.
2000 से अधिक लोगों को जारी किया जा चुका है नोटिस
डीटीओ की ओर से फीस जमा करने के बावजूद कार्य कराने के लिए संबंधित दस्तावेज नहीं देने वाले 2000 से अधिक वाहन मालिकों को नोटिस जारी किया गया था. नोटिस में वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर, एप्लीकेशन नंबर और एप्लीकेशन डेट भी जारी किए गए थे. साथ ही किस कार्य के लिए आवेदन किया गया है इसकी भी जानकारी नोटिस में दी गई है. इस नोटिस के बाद सैकड़ों लोग आकर संबंधित दस्तावेज देकर अपना काम करा चुके हैं. इधर, जिन 85 लोगों को डीटीओ ने नोटिस जारी किया है उनका भी वाहन से संबंधित कार्य का नाम, कब आवेदन किया इसकी सूची जारी की गई है. सभी को एक सप्ताह का समय दिया गया है.
तो आवेदन होगा निरस्त
फीस जमा कराने के बावजूद कार्यालय की ओर से मांग किए गए दस्तावेज को एक सप्ताह में उपलब्ध नहीं कराने वालों का आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा. इस संबंध में डीटीओ ने आवेदनकर्ताओं से कहा है कि लंबित कार्यों के निष्पादन के लिए वांछित कागजात एक सप्ताह के अंदर कार्यालय में प्रस्तुत करें. ऐसा नहीं करने पर यह समझा जाएगा कि लंबित कार्य का निष्पादन नहीं करना है. इसके बाद उपलब्ध अभिलेख के आधार पर एक पक्षीय निर्णय लेते हुए आवेदन को निरस्त कर दिया जाएगा.
पेंडेंसी में आएगी कमी
आवेदन करने के बावजूद संबंधित पेपर जमा नहीं करने के कारण डीटीओ कार्यालय में पेंडेंसी की संख्या ज्यादा नजर आती है. जबकि, कई बार इसका कारण कार्यालय कर्मी नहीं, बल्कि आवेदनकर्ता भी होते हैं. इस संबंध में डीटीओ का कहना है कि आवेदन करने के बावजूद मांगे गए संबंधित पेपर को जमा नहीं करने के कारण पेंडेंसी नजर आती है. इसलिए अब ऐसे आवेदनकर्ताओं को नोटिस जारी किया गया है.