न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिल्क्यारा टनल हादसे में फंसे 41 मजदूरों का आज 10वां दिन है. सभी मजदूरों को टनल से बाहर सुरक्षित निकालने की जद्दोजहद जारी है. टनल के दो तरफ से खुदाई शुरू की जाएगी इसके साथ ही आज से रेस्क्यू ऑपरेशन में और तेजी लायी जाएगी. सोमवार (20 नवंबर) की रात पहाड़ के ऊंचे हिस्से पर वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन पहुंच गई है. ये मशीन पहाड़ के ऊपर से वर्टिकली ड्रिल करेगी. वहीं, दूसरी तरफ अमेरिकी ऑगर ड्रिल मशीन सुरंग में अंदर की ओर से मलबे में 800-900 मिमी का स्टील का पाइप डालने की कोशिश कर रही हैं. जिससे टनल में फंसे सभी मजदूरों को इसी पाइप के जरिए बाहर सुरक्षित निकाला जा सकें. अमेरिकी ऑगर ड्रिल मशीन से अबतक 24 मीटर खुदाई भी हो चुकी है लेकिन बीच में मशीन में कुछ तकनीकि खराबी आ गई. जिसके बाद काम को रोकना पड़ा लेकिन आज (21 नवंबर) से ऑगर मशीन से ड्रिल शुरू होने की संभावना है.
आपको बता दें, टनल हादसे के फंसे 41 मजदूरों को हादसे के नौ दिन बाद यानी सोमवार (20 नवंबर) को भरपेट खाना मिला. उन्हें दाल और 24 बोतल भरकर खिचड़ी भेजी गई. इसके साथ ही उन्हें सेब, संतरे और नींबू के जूस भेजे गए. साथ ही उन्हें मजदूरों तक वॉकी टॉकी भी भेजा गया. वहीं आज यानी 21 नवंबर (मंगलवार) को उन्हें दलिया के साथ अन्य खाद्य सामग्री भेजी जाएगी. आपको बता दें, मजदूरों तक 57 मीटर लंबी और 6 इंच चौड़ी पाइप के माध्यम खाना खाने की सामाग्रियां भेजी जा रही है वहीं इससे पहले अबतक मजदूरों को पाइप के माध्यम से सूखे मेवे, मल्टी विटामिन, मुरमुरा भेजे जा रहे थे. वहीं आज हादसे के 9 दिनों के बाद पहली बार खाना पहुंचाया गया.
टनल के अंदर का पहला CCTV फुटेज आया सामने
हालांकि इसी बीच एक और बड़ी अपडेट हम आपको बताने जा रहे है और वो यह है कि टनल के अंदर फंसे सभी मजदूर एकदम सुरक्षित है. उनका टनल के अंदर का एक पहला सीसीटीवी फुटेज सामने आया है जिसमें सभी मजदूर सुरक्षित नजर आ रहे हैं. बता दें, अंदर फंसे सभी मजदूरों का हाल-चाल जानने के लिए अधिकारियों ने पाइप के माध्यम से सुरंग में कैमरा भेजा था. जिसमें सुरंग के अंदर का सारा नजारा और मजदूर कैद हुए है. इस दौरान अधिकारियों ने मजदूरों के साथ बातचीत भी की. वहीं, सुरंग के अंदर कैमरे में कैद जो वीडियो सामने आया है उसमें आप साफ तौर पर देख सकते हैं कि मजदूर सुरंग के अंदर रहने को पिछले 10 दिनों से किस तरह से मजबूर है. टनल में मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकलाने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में जुड़े कर्नल दीपक पाटिल ने बताते हुए कहा कि हम सुरंग के अंदर फंसे लोगों को खाना, मोबाइल और चार्जर भेजने की कोशिश कर रहे हैं. हम अंदर वाईफाई कनेक्शन लगाने की भी कोशिश करेंगे.
मजदूरों को निकालने की कवायद आज से फिर होगी तेज
टनल में फंसे मजदूरों को बाहर सुरक्षित निकालने की कोशिश आज से तेज हो जाएगी. दो तरफ से खुदाई शुरू की जाएगी. बीआरओ ने पहाड़ की ऊंचाई तक रास्ता काटकर सड़क तैयार कर ली है. इसी के सहारे अब ड्रिल मशीन पहाड़ के ऊपरी हिस्से तक पहुंची है. इसके साथ ही गुफा के मुहाने से सुरंग के अंदर 40 मीटर के काफी खतरनाक हिस्से को भी सुरक्षित कर लिया गया है. मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में जुड़े टीम के सदस्यों की सुरक्षा के लिए अल्टरनेटिव माइक्रो टनल बना दी गई है. आपात स्थिति में पूरी बचाव टीम इस माइक्रो चैनल में 40 मीटर के हिस्से से भागते हुए बाहर निकल सकते है.
12 नवंबर 2023 को हुआ था यह टनल हादसा
जानकारी के लिए आपको बता दें, केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘ऑल वेदर सड़क' (हर मौसम में आवाजाही के लिए खुली रहने वाली सड़क) परियोजना का सिलक्यारा सुरंग एक हिस्सा है जो उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी है जोकि ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही हैं. वहीं सिल्क्यारा टनल में हादसा निर्माण कार्य के दौरान ही 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया. जिससे टनल के अंदर काम कर रहे 41 मजदूर टनल में फंस गए. मजदूरों को सुरंग से निकालने के लिए पिछले 10 दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.