रांची: चैंबर के उर्जा उप समिति की बैठक चैंबर भवन में संपन्न हुई. इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी की दरों में की गई असामान्य वृद्धि से होनेवाली कठिनाईयों पर बैठक में प्रमुखता से चर्चा की गई और कहा गया कि विद्युत शुल्क में 10 से 17 गुणा की असामान्य वृद्धि किसी भी प्रकार से तर्कसंगत नहीं है. नियामक आयोग द्वारा हर साल अगले वर्ष के लिए टैरिफ दर तय करके बिजली शुल्क में संशोधन किया जाता है. जो हमेशा उच्च स्तर पर होता है, ऐसे में शुल्क वृद्धि की आवश्यकता ही नहीं है. चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा ने कहा कि ऐसे समय में जब कोविड की स्थितियों से निपटने की दिशा में व्यापार जगत प्रयत्नशील है, के दौरान विद्युत शुल्क में कोई बढोत्तरी नहीं होनी चाहिए. परिस्थितियों से निपट रहे लोगों के लिए यह अतिरिक्त भार होगा.
बैठक में इन बिन्दुओं हुई चर्चा
वर्तमान में जेबीवीएनएल को डीवीसी उपभोक्ताओं के कारण प्रतिवर्ष लगभग 1200 से 1300 करोड रू0 का नुकसान हो रहा है. इस नुकसान की भरपाई माननीय नियामक आयोग द्वारा अगले वर्ष के लिए टैरिफ दर में वृद्धि करके उपभोक्ताओं से वसूली जाती है. यह महसूस किया गया कि यदि जेबीवीएनएल, डीवीसी के कमांड क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की जिम्मेदारी डीवीसी को हस्तांतरित कर देता है. तब जेबीवीएनएल इस आवर्ती नुकसान से बाहर आ सकता है. जो उसे हर साल हो रहा है. ऐसा करने से जेबीवीएनएल प्रतिवर्ष 1200 से 1300 करोड रू0 के आवर्ती नुकसान से खुद को सुरक्षित रख सकता है. जेबीवीएनएल के इस प्रयास से झारखण्ड के उपभोक्ताओं को भी सस्ती बिजली सुलभ होगी. उर्जा उप समिति के चेयरमेन एनके पाटोदिया ने कहा कि फेडरेशन चैंबर द्वारा वर्ष 2017 में भी इस मामले को उर्जा सचिव के समक्ष उठाते हुए, कार्रवाई के लिए प्रस्तावित किया गया था. किन्तु, जेबीवीएनएल द्वारा किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई. पुनः इस मामले पर विभागीय उच्चाधिकारियों से वार्ता की जायेगी.
सभी मुद्दों पर विभागीय अधिकारियों से की जाएगी चर्चा
बैठक में कहा गया कि चैंबर द्वारा शीघ्र ही इन सभी मुद्दों पर विभागीय अधिकारियों के साथ वार्ता की जायेगी. चर्चाओं में मुख्यतः उपभोक्ताओं की शिकायतों के लिए सलाहकार समिति का पुनर्गठन, रूफ टॉप सोलर प्लांट की स्थापना के लिए उपभोक्ताओं विशेषकर घरेलू उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करने, जेबीवीएनएल/विद्युत डिस्कॉम की गलतियों/सुधार के खिलाफ उपभोक्ताओं को अपना आवेदन दाखिल करने की सुविधा प्रदान करने के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने, सेवा का अधिकार अधिनियम के मुद्दे पर उपभोक्ताओं को जागरूक करना सम्मिलित है. उर्जा उप समिति के चेयरमेन एनके पाटोदिया ने सभी व्यापारियों से यह अपील की कि वे अपनी समस्याएं चैंबर से साझा करें ताकि समस्याओं के निष्पादन हेतु विभागीय वार्ता की जा सके.
इस बैठक में चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा, उपाध्यक्ष राहुल साबू, दीनदयाल बरनवाल, महासचिव राहुल मारू, उर्जा उप समिति चेयमरेन एनके पाटोदिया, सदस्य एचपी बियानी, प्रमोद सारस्वत, मनमोहन मोहता, विजय छापडिया, अनुराग गाडोदिया, ओपी अग्रवाल, शषांक भारद्वाज उपस्थित थे.