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बेमौसम बारिश ने किसानों पर ढाए कहर, खलिहान में भींगे धान

बेमौसम बारिश ने किसानों पर ढाए कहर, खलिहान में भींगे धान

न्यूज़11 भारत


सिमडेगा: सिमडेगा में पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बेमौसम बारिश से एक तरफ जहां जनजीवन प्रभावित हो रहा है. वहीं दुसरी तरफ इस बारिश किसानों पर कहर बन कर बरसी है. 


बेमौसम बारिश किसानों पर ढाया कहर. धान कटनी के समय बारिश से धान की फसल को भारी नुकसान, खेत खलिहानों में पानी से भींग बर्बाद हो रही धान की फसल. खेतों से बहे धान. चने का फसल भी हुआ बर्बाद. किसान हैं परेशान. सिमडेगा में शनिवार सुबह से हो रही लगातार बारिश ने किसानों पर कहर बरसाना शुरू कर दिया है. अभी धान कटनी का समय है. कई किसान अपनी धान काट कर खलिहान तक लाए थे. वहीं कई किसानों के धान कटने के बाद अभी भी खेतों में पडे हुए हैं. बारिश शुरू होने के कारण ये खलिहान तक नहीं पंहुच सके. इसी बीच शुरू हुई बारिश खेत में काट कर रखे और खलिहान पंहुचे धान को भींगा रहे हैं. जिससे इन धानों में अंकुर होने का खतरा है. बीरू के दुर्गविजय सिंह देव ने बताया कि उनके कई गांज धान खलिहान में पड़े हैं और कई खेत कटने के बाद धान उठा नहीं पाए. उन्होने बताया कि सारा धान भींग गया है. इसमें अंकुरन हो जाएगा और सारा धान बर्बाद हो जाएगा.

 


 

खलिहान में रखे धानों को बारिश से बचाने के लिए प्लास्टिक ढंकने का कई किसानों ने कोशिश भी किया लेकिन ये भी नाकाफी साबित हो रही है. कई किसान केसीसी लोन लेकर धान और चना की खेती किए हैं. धान का तो नुकसान हुआ हीं, खेतों में रोपे गए चना भी बारिश के कारण बर्बाद हो गए. अब किसान सालों भर भुख मिटाने के लिए अनाज और केसीसीसी लोन चुकाने की चिंता से परेशान हैं. लोग सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. बीरू के पूर्व मुखिया गंगा लोहरा ने कहा कि इस बार किसानों को मरण है. सरकार अगर ध्यान नहीं देगी तो कई किसान भुखमरी की स्थिति मेलों पंहुच जाएगें. वहीं खूंटी टोली में कटे धान को खेत में पडा देख मेढ काट खेत से पानी निकालता किसान नेल्सन किडो ने कहा कि इस बार फसल अच्छी हुई थी. लेकिन धान कटनी के समय पानी ने सारा कुछ बर्बाद कर दिया है. उसने कहा इस बार किसान खुद अनाज के लिए तरस जाएगें. उन्होने कहा सरकार मदद नहीं करेगी तो किसान भुख से मरने लगेंगे.

 

वहीं धान उपज के लिए प्रसिद्ध कुरडेग की भी स्थिति दयनीय नजर आई. यहां खेतों में बारिश का पानी भर जाने से बधिमा आदि गांवों में किसानों द्वारा काट कर खेत में रखें सारे धान पानी में बह गए. वहीं जिले में कई खेत ऐसे भी दिखे जहां खेत में खड़े धान की पुरी की पुरी फसल पानी में गिर गई है. ये सारे धान अंकुरन होकर बर्बाद हो जाएगें. इस वर्ष धान की फसल अच्छी हुई थी लेकिन किसानों के घर पंहुचने से पहले बारिश ने किसानों के इस साल भर के उम्मीद पर पानी फेर दिया. ये तो महज एक बानगी है यही हाल जिले के हर प्रखंड का है. जहां किसान अपने कडी मेहनत को पानी में बर्बाद होता देख मायुस है.
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