रांची : देश में अगस्त माह रोजगार वालों के लिए बेहतर नहीं रहा. इस माह में एक बार फिर से बेरोजगारी बढ़ गई. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी ने अगस्त में बेरोजगारी दर के आंकड़े जारी किए हैं. उसके अनुसार राष्ट्रीय बेरोजगारी दर जुलाई के 9.95 फीसदी से बढ़ कर 8.32 फीसदी पर पहुंच गई है. करीब 15 लाख से अधिक लोगों ने नौकरियां खो दी. यह आंकड़ें संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों को मिलकर है. यह स्थिति तब है, जब GDP ग्रोथ के आंकड़े इकॉनमी में बेहतर होती स्थिति को दर्शा रहे हैं.
बेरोजगारी दर 9.78 फीसदी तक पहुंचा :
आंकड़ों के अनुसार मई 2021 के अंत में हायरिंग दर 35 फीसदी था. वहीं जून 2021 में यह बढ़कर 42 फीसदी तक पहुंच गया. जुलाई 2022 के अंत में ग्राफ बढ़कर 65 फसीदी तक पहुंच गया. सबसे ज्यादा नौकरी आईटी, मैन्युफैक्चरिंग औश्र हाईवेयर जैसे क्षेत्रों में रही है. अगस्त में शहरी बेरोजगारी दर 1.5 बढ़कर 9.78 फीसदी तक पहुंच गया है.
मार्केट में नौकरियां नहीं हो रही है पैंदा :
जुलाई में हायरिंग पर लिंक्डइन इंडिया ने एक रिपोर्ट जारी किया था. उसके अनुसार देश में इस साल जुलाई में हायरिंग गतिविधियां प्री—कोविड स्तर से करीब 65 फीसदी तक ज्यादा रही. जबकि यह नई हायरिंग नहीं थी. ये वैसे लोग थे जो पहले से कहीं काम कर रहे थे और नए अवसर देखकर दूसरी जगह शिफ्ट हो हुए. स्थिति बता रही है कि मार्केट में अभी भी नई नौकरियां नहीं पैदा हो रही हैं.
क्या कहते है विशेषज्ञ :
मार्केटिंग क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि नई नौकरियां बाजार में ना के बराबर हैं. ऐसे में चिंता की बात यह है कि इकनॉमी में तमाम आकड़ें बेहतर आने के बाद लोगों को नौकरियां छोड़नी पड़ रही हैं. इसे रोकना ही भविष्य के लिए बेहतर होगा.
सीएमआईई के अनुसार जुलाई में रोजगार को लेकर जो सुधार आया था, उसका असर देखने को नहीं मिला.
शहरी क्षेत्रों में बढ़ रही है बेरोजगारी :
शहरी क्षेत्र में भी बेरोजगारी 1.5 फीसदी से बढ़कर 9.5 फीसदी तक पहुंच गया. जुलाई माह में यह 8.3 फीसदी, जून में 10.07 फीसदी, मई में 14.73 फीसदी और अप्रैल में 9.78 फीसदी थी. एक बार फिर से मार्केट में नौकरियां आ रही है. जुलाई में जहां करीब तीन करोड़ लोग नौकरियों की तलाश में थे, वह संख्या बढ़कर अब 3 करोड़ 60 लाख तक पहुंच गई है.