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रांची: रिम्स में पिछले एक महीने से अल्ट्रासाउंड मशीन खराब पड़ी है. इस कारण मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है. अस्पताल में रोजाना अल्ट्रासाउंड के लिए करीब 100 मरीज पहुंचते हैं. अल्ट्रासाउंड मशीन खराब होने की वजह से मरीजों को मजबूरन निजी केंद्रों पर अल्ट्रासाउंड कराना पड़ रहा है. लैब में मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि अल्ट्रासाउंड मशीन को बनने में अभी समय लगेगा. इन मरीजों को प्राइवेट और रैन बसेरा स्थित लैब में जांच के लिए जाने की सलाह दी जाती है. हालांकि प्रबंधन को मशीन खराब होने की जानकारी दे दी गई है. अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा अल्ट्रासाउंड लिख दिया जाता है, लेकिन जब रोगी रिम्स लैब में स्थित अल्ट्रासाउंड केंद्र पर पहुंचते हैं, तो मशीन खराब होने की जानकारी मिलती है.
मूलभूत सुविधा देने में प्रबंधन फेल
स्वास्थ्य विभाग मरीजों को बेहतर सुविधा देने के मकसद से रिम्स में नए विभागों को शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है. साथ ही नए मशीनों की खरीदारी भी हो रही है. वहीं, बीते कुछ समय में कई नई सुविधाओं की भी शुरुआत हुई है. लेकिन 25 दिनों से अल्ट्रासाउंड मशीन खराब पड़ी हुई है, इसके बाद भी कोई सुध लेने वाला नहीं है. ऐसे में सोचने वाली बात है जहां स्वास्थ्य विभाग मरीजों को सुपरस्पेशलिटी के तर्ज पर सुविधा देने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ अस्पताल में मौजूदा मूलभूत सुविधाओं का लाभ भी मरीजों को नहीं मिल रहा है.
कई मरीज घर लौटने को मजबूर
प्राइवेट संस्थानों में अल्ट्रासाउंड जांच कराने की मोटी रकम वसूली जाती है. जबकि रिम्स में अल्ट्रासाउंड मात्र ₹180 से लेकर 500 तक में पूरी जांच हो जाती है .वहीं प्राइवेट में करीब 800-4000 रुपए तक खर्च हो जाते हैं. यह रकम गरीब मरीजों के लिए काफी बड़ी है और कई मरीज कितने पैसे देने की स्थिति में नहीं होते हैं. वैसे मरीज बिना जांच करवाएं ही घर वापस लौटने को मजबूर हो रहे हैं. चतरा से आए गिरीशंकर ने बताया कि उन्हें थॉयराइड की समस्या है. डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड बताया था. एक हफ्ते पहले भी यहां जांच के लिए आया था लेकिन मशीन खराब होने की वजह से घर लौट गया. आज फिर आया हूं पर फिर से मशीन खराब होने की बात कर्मचारियों ने बताई. मेरे पास इतने पैसे नहीं है कि मैं अल्ट्रासाउंड प्राइवेट में जा सकू, मशीन ठीक होने के इंतजार करने के सिवा कोई उपाय नहीं है.
अल्ट्रासाउंड मशीन खराब होने की वजह से जांच का लोड रिम्स स्थित हेल्थ मैप पर पड़ा है. क्योंकि मरीज जांच के लिए बड़ी संख्या में यहां पहुंच रहे हैं. इससे हेल्थ मैप में जांच के लिए काफी लोड पड़ा है. लोड अधिक पड़ने की वजह से यहां नए मरीजों के लिए रजिस्ट्रेशन की सुविधा को कुछ दिनों के लिए बंद कर दी गई है. हेल्थ मैप में रजिस्ट्रेशन बंद होने से मरीजों के पास सिवाय निजी केंद्रों में जाने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं बचा है.