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रांची : बढ़ते कोरोना संक्रमण और ओमिक्रॉन की व्यापकता को देखते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द कॉलेज बंद किये जायें और हॉस्टलों को खाली कराया जाये. 10 जनवरी से इस आदेश को प्रभावी किया गया है.
झारखंड समेत बिहार, पंजाब, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में भी इसे लेकर अधिक सतर्कता नहीं दिख रही है. झारखंड के रांची विश्वविद्यालय, बीआइटी मेसरा, आइआइएम, रिम्स, राज्य के सरकारी इंजीनियरिंग कालेज, कोल्हान विश्वविद्यालय, सिदो-कान्हू मुरमू विश्वविद्यालय, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय और अन्य जगहों में हॉस्टलों को अब तक खाली नहीं कराया गया है. पिछले सप्ताह झारखंड सरकार के आदेश पर ऐहतियात के तौर पर राज्य के सभी कालेज, स्कूल, शिक्षण संस्थानों, कोचिंग संस्थानों को 15 जनवरी तक बंद करने को कहा गया था. मुख्य सचिव द्वारा जारी अधिसूचना के बाद इन संस्थानों को बंद तो कर दिया गया. लेकिन हास्टलों में अब भी छात्र रह रहे हैं. जानकारी के अनुसार अधिकतर संस्थान सरकार के अगले आदेश का इंतजार कर रहे हैं, कि कोरोना के SOP के तहत हॉस्टलों को भी खाली कराया जायेगा और कितनी अवधि तक संस्थानों को बंद किया जायेगा.
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UGC के अनुसार देश भर में कोरोना का संक्रमण तीसरी लहर में अधिक बढ़ रहा है. 1.30 लाख से अधिक कोरोना संक्रमित देश भर में निकल रहे हैं. झारखंड में भी 17 हजार से अधिक कोरोना संक्रमित हो गये हैं. अब तक झारखंड में ओमिक्रॉन का कोई मामला नहीं मिला है. रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट और रांची रेलवे स्टेशन और हटिया स्टेशन में प्रतिदिन 80 से अधिक कोरोना के मरीज मिल रहे हैं. राज्य में कोरोना का कम्युनिटी स्प्रेड भी शुरू हो गया है. ऐसे में स्नातक, स्नातकोत्तर और अन्य स्तर के छात्र-छात्राएं, जो विभिन्न हॉस्टलों में रह रहे हैं, उन्हें सुरक्षित उनके घरों तक भेजने की जिम्मेवारी कालेज प्रबंधन और विश्वविद्यालय प्रशासन की है.