प्रशांत शर्मा /न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हर किसी व्यक्ति के जीवन को सफल और खुशनुमा बनाने में कुछ खास लोगों के अहम भूमिका होती है. इसमें से कुछ लोग परिवार के तो कुछ बाहर से भी होते है. सच्चे मित्र इस लिस्ट में सबसे आगे होते हैं. सच्चे मित्र का मिल जाना किसी भी व्यक्ति के लिए अपने आप में बेहद भाग्यशाली भेंट से कम नहीं है. मनीष जायसवाल के अबतक के राजनितिक कैरियर में भी बीजेपी के प्रबुद्ध कार्यकर्ताओं और नेताओं के अलावे उनके दो अहम मित्रों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. उनके लिए पर्दे के पीछे रहकर उन्हें दोबारा चुनाव जिताने के लिए उनके दो मित्रों ने रात-दिन एक करके उनके सफलता में बड़ा रोल निभाया.
मनीष जायसवाल के लिए पर्दे के पीछे से उनके जीत का ताना- बाना बुनने वालों में उनके मित्र राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायी श्रद्धानंद सिंह और व्यवसायी नारायण गुप्ता के नाम शामिल हैं. दोनों ने करीब तीन महीने पूर्व से अपने सारे काम- काजों को दरकिनार करके लाइमलाईट में रहे बिना उनके (मनाष जयसवाल) लिए ज्यादा क्षेत्र में मैदान तैयार किया. श्रद्धानंद सिंह ने युवा, महिला और पुराने व समाज के कुछ प्रबुद्ध लोगों के बीच जाकर उन्हें इनसे जोड़ा. वहीं नारायण गुप्ता ने भी विशेष रणनीति के तहत उनके कार्यकर्मों को सफल बनाने की पुरी विधि- व्यवस्था की जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाई. मनीष जायसवाल के पिछले दोनों विधानसभा चुनाव प्रचार को भी इनदोनों ने आपसी को- ऑर्डिनेट के साथ हिट करने का कार्य किया. इसके अलावे उनके विधायक प्रतिनिधियों ने भी लगातर क्षेत्र में मोर्चा संभाला और मशक्कत किया.
चुनावों में स्टार प्रचारक की भूमिका में रहा पूरा परिवार
हजारीबाग का प्रतिष्ठित और प्रख्यात जायसवाल परिवार किसी पहचान का मोहताज नहीं है. धन- संपदा से परिपूर्ण होने के बावजूद परिवार के एक-एक सदस्य की सादगी और शालीनता समाज में चर्चा का विषय बना हुआ है. जायसवाल परिवार की तीन पीढ़ियों के एक दर्जन से अधिक सदस्यों ने सामूहिक रूप से मनीष जायसवाल के लिए चुनावों के दौरान स्टार प्रचारक की भूमिका अदा की. जायसवाल परिवार के एक- एक सदस्य ऐसे भी है जिन्होंने मनीष जायसवाल के राजनीतिक कैरियर में कदम से कदम मिलाकर साथ चला. जायसवाल परिवार खास होते हुए भी आम आदमी की तरह ही समाज में जनता से जुड़ा रहा है. परिवार के सदस्यों की सादगीपूर्ण जीवनशैली क्षेत्र के लोगों को बस इनकी ओर आकर्षित करता है. यही आकर्षण चुनाव के दौरान जनता के बीच जनता द्वारा परिवार के सदस्यों को स्टार प्रचारक से कम सम्मान नहीं दिया.
चुनावी समर में मनीष जायसवाल के पिता ब्रजकिशोर जायसवाल ने जहां विभिन्न धर्म और समाजों के प्रमुख लोगों को अपने साथ किया वहीं उनकी माता विद्या जायसवाल ने शहर की प्रमुख गृहिणियों को साथ जोड़ने में अहम भूमिका निभायी. भाई प्रशांत जायसवाल उर्फ राजा और निशांत जायसवाल उर्फ राजू ने विधानसभा क्षेत्र के सदर प्रखंड और कटकमसांडी प्रखंड के विभिन्न बूथों के साथ युवाओं को अपनी और आकर्षित किया और प्रचार- प्रसार में खूब पसीना बहाए. पुत्र करण जायसवाल उर्फ सन्नी ने कटकमदाग प्रखंड के विभिन्न बूथों के प्रबंधन के साथ वहां मैदान बनाने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी.
मनीष जायसवाल की धर्मपत्नी निशा जायसवाल और उनके भाई की पत्नी ट्विंकल जायसवाल, प्रियंका जायसवाल, जीजा जी विवेक जायसवाल, बहन लूना जायसवाल, पुत्री रिया जायसवाल और पुत्र बधू अवंतिका जायसवाल ने भी शहरी इलाके में युवतियों और महिलाओं को डोर- टू- डोर जाकर अपने चुनावी अभियान से जोड़ा, दुकान- मकान के अलावे राहगीरों तक मनीष जायसवाल के विगत पांच वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धि और भविष्य के कार्य संकल्प को पंहुचाया और शहरी इलाके में अनोखे अंदाज में व्यापक प्रचार- प्रसार किया. इस प्रकार मनीष जायसवाल के परिवार के एक- एक सदस्य ने पूरी ईमानदारी और निष्ठा से उनके चुनावी कैंपेन में सहयोगी बनकर ना सिर्फ उनका साथ दिया बल्कि स्टार प्रचारक की भूमिका में सभी ने अपनी क्षमता क अनुरूप पूरी ऊर्जा से क्षेत्र में उनके प्रति एक लहर बनाने में सकारात्मक भूमिका निभाई. यहीं नहीं मनीष जायसवाल के सेवा कार्य में भी उनके परिवार का हमेशा सहयोग उन्हें मिला है. कोरोना कल के दौरान परिवार के तीन पीढ़ी ने एक साथ मिलकर जो सेवा का इतिहास रचा वह हजारीबाग के लिए कीर्तिमान है.
मनीष जायसवाल की सफलता में रंजन चौधरी की सराहनीय भूमिका
हजारीबाग सदर विधानसभा क्षेत्र से मनीष जायसवाल कि दोबारा जीत पर उनके मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी के भी कार्यों और प्रयासों को भुलाया नहीं जा सकता. विगत करीब 15 वर्षों से मनीष जायसवाल के साथ साए की तरह साथ रहकर रंजन चौधरी ने तन- मन समर्पित करके जिस प्रकार मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से उनके एक- एक गतिविधि को जनमानस के बीच बड़े ही मार्मिक और अच्छे ढंग से पेश किया है वह काबिले तारीफ है. रंजन चौधरी ने मीडिया प्रतिनिधि के कार्य को तो बखूबी निभाया ही है, इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य और सेवा के क्षेत्र में मनीष जायसवाल का सहयोगी बनकर अभूतपूर्व कार्य किया है. तत्कालीन सदर अस्पताल की विधि व्यवस्था हो या हजारीबाग के किसी व्यक्ति को आपातकालीन परिस्थिति में सहयोग की आवश्यकता. जानकारी प्राप्त होते ही रंजन चौधरी ने जिस सक्रियता और सुलभता से दूसरे के दुख- दर्द को अपना समझते हुए तत्पर होकर सेवा देते हुए जनप्रतिनिधि की सुलभता का एहसास कराया. वह किसी से छिपा नहीं है.
चिलचिलाती धूप हो या हो कड़ाके कि ठंड, मूसलाधार बारिश हो या हो रातों में पसरा सन्नाटा किसी को आपातकालीन स्थिति में खून की आवश्यकता हो या किसी को एंबुलेंस नहीं मिल रहा हो, शहर में कोई भूखे को भोजन कराना हो या किसी विद्यार्थी को सहायता की आवश्यकता हो, अस्पताल में डॉक्टर नहीं हो या दवाई, मरीज और उनके परिजनों के एक फोन पर तत्परता और सक्रियता से उनकी सेवा को रंजन चौधरी ना सिर्फ हाजिर होते रहे बल्कि जरूरतमंद को हरसंभव सहयोग करके उन्हें संतुष्ट भी किया. कोरोना काल में कोरोना ग्रसित होने के वाबजूद हॉस्पिटल से सेवारत रहे थे. मनीष जायसवाल के चुनाव प्रचार के दौरान भी उनकी सेवा कार्यों की प्रशंसा कई जगह ग्रामीणों ने स्वतंत्र कंठ से की.
मनीष जायसवाल के मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी का विगत चुनावी कैंपेन में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा. अहले सुबह से देर रात तक प्रत्याशी जायसवाल के साथ रहकर उन्होंने लोगों को उनकी एक- एक गतिविधि की जानकारी फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, टि्वटर के माध्यम से दी. सा ही दिनभर के क्रियाकलापों को तस्वीर, वीडियो और स्क्रिप्ट के माध्यम से बेहतर ढंग से जनमानस के बीच परोसा. प्रेस- मीडिया को भी चुनावी गतिविधि की खबरें ससमय उपलब्ध करायी. रंजन चौधरी बताते हैं कि वर्ष 2010 में मैं मनीष जायसवाल के साथ बतौर मीडिया प्रतिनिधि जुड़ा. उस वक्त वे हजारीबाग नगर परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष के पद पर कार्यरत थे. तब से लेकर आज तक उनके साथ साए की तरह रहकर कार्य कर रहा हूं और भविष्य में भी करता रहूंगा. रंजन बताते हैं कि जायसवाल के व्यक्तित्व और उनके मानवीय मूल्यों के प्रति कार्यों को देखकर मैं ना सिर्फ उनसे प्रभावित होता हूं बल्कि उन्हें अपना आदर्श मानकर नितदिन कुछ बेहतर करने की प्रेरणा उनसे प्राप्त करता हूं.