न्यूज11 भारत / कौशल आनंद
रांचीः झारखंड बिजली क्षेत्र में महत्वपूर्ण इकाई झारखंड विद्युत नियामक आयोग पर क्या वाकई में सरकार का कोई फोकस नहीं है. हाल देखकर तो यही प्रतीत हो रहा है. चाहे वह केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग हो या फिर किसी भी स्टेट का विद्युत नियामक आयोग. इसके बिना बिजली क्षेत्र में कोई भी अहम निर्णय लिया जाना मुश्किल है. चाहे किसी भी डिस्कॉम कंपनी का बिजली टेरिफ पर सुनवाई, निर्णय बिजली दर कम करने या बढ़ाने या फिर उपभोक्ताओं के हित में जेबीवीएनएल को अहम सुझाव या निर्देश देने का. बिजली क्षेत्र के इतने अहम-अहम कार्य विद्युत नियामक आयोग के जिम्मे ही होता है. मगर झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग की स्थिति पिछले 16 महीने से बहुत ही खराब है. मजे की बात यह है कि 15 महीने लंबे इंतजार के बाद आयोग को दो मेंबर मिला मगर आज 23 दिन बीत जाने के बाद भी उसका शपथ ग्रहण नहीं हो सका है. शपथ ग्रहण नहीं होने से वे प्रभार भी नहीं ले पा रहे हैं.
शपथ और प्रभार लेने में यह है बड़ा तकनीकी पेंच
चूंकि यह बिजली क्षेत्र का एक न्यायिक संस्था है. इसलिए इसमें चाहे नए चेयरमैन की नियुक्ति हो या फिर मेंबरों की नियुक्ति. इसमें प्रभार लेने के लिए बड़ा तकनीकी पेंच है. अगर सरकार चेयरमैन की नियुक्ति करती है तो उनका शपथ ग्रहण राज्यपाल कराते हैं और मेंबर की नियुक्त चेयरमैन कराते हैं, अगर चेयरमैन का पद रिक्त हो तो राज्य के उर्जा मंत्री सदस्यों का शपथ ग्रहण कराते हैं. अब यहां सबसे बड़ी समस्या यह है कि 16 महीने से चेयरमैन का पद रिक्त है. ऐसे में उर्जा मंत्री ही सदस्यों का शपथ ग्रहण कराएंगे और उर्जा विभाग मुख्यमंत्री के पास है. अब इन सदस्यों का शपथ ग्रहण कौन कराएगा, इसको लेकर अहम सवाल खड़ा हो गया है. इस कारण नियुक्ति के 23 दिन बाद भी दोनों मेंबरों का शपथ ग्रहण और प्रभार लेने का कोरम पूरा नहीं हो पाया है.
ये भी पढ़ें- आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में लालू यादव बरी, 6000 का भरा जुर्माना
18 मई को हुई है आयोग में दो मेंबर की नियुक्ति
19 फरवरी 2021 से डिफंक्ट पड़ा और लगातार हाईकोर्ट की मॉनेटरिंग के बाद आखिरकार झारखंड विद्युत नियामक आयोग में 18 मई दो सदस्यों की नियुक्ति हुई. सलेक्शन कमेटी के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंजूरी प्रदान की. जेबीवीएनएल के सेवानिवृत मुख्य अभियंता अतुल कुमार को मेंबर तकनीकी और सेवानिवृत न्यायाधीश महेंद्र प्रसाद को मेंबर लॉ के रूप में नियुक्त किया है.
हाईकोर्ट लगातार कर रहा रहा है मॉनेटरिंग, मगर अब तक नहीं हो पायी चेयरमैन की नियुक्ति
एक साल से अधिक समय से डिफंक्ट पड़े विद्युत नियामक आयोग की मॉनेटरिंग हाईकोर्ट खुद कर रहा है. 27 अप्रैल को सुनवाई में विभाग ने कोर्ट को जानकारी दिया कि आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति को लेकर चीफ जस्टिस के पास प्रस्ताव विचाराधीन है. उनसे विभाग लगातार संपर्क बनाए हुए है. उम्मीद है कि जल्द ही चेयरमैन की नियुक्ति प्रकिया पूरी कर ली जाएगी. जस्टिस राजेश शंकर ने उम्मीद जाहिर किया था कि डिफंक्ट आयोग में चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति प्रकिया जल्द पूरी कर ली जाएगी.
ये भी पढ़ें- राष्ट्रपति कोविंद का कार्यकाल जुलाई में होगा खत्म, हर साल इस दिन चुना जाता है देश का प्रथम नागरिक
19 फरवरी 2021 से डिफंक्ट है नियामक आयोग
राज्य का महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्था झारखंड विद्युत नियामक आयोग आगामी 19 फरवरी 2021 से पूरी तरह से डिफंग (निष्क्रिय) हो गया है. 19 फरवरी को आयोग में बचे अंतिम सदस्य (विधि) प्रवास कुमार सिंह आयोग छोड़ दिया. प्रवास कुमार सिंह को केंद्रीय नियामक आयोग का विधि सदस्य बनाए जाने के कारण वे चले गए. पिछले वर्ष जून में निवर्तमान चेयरमैन अरविंद प्रसाद के इस्तीफा दे दिया, जबकि मेंबर तकनीक आरएन सिंह 9 जनवरी को सेवानिवृत हो चुके हैं. जनसुनवाई या किसी भी नीतिगत निर्णय के लिए कम से कम एक मेंबर का होना संवैधानिक संस्था होने के कारण बहुत जरूरी है. इसके बिना कोरम पूरा नहीं हो पाएगा.
दो वित्तीय वर्ष में नहीं हुई है बिजली दर में कोई बढ़ोतरी
पिछले वर्ष वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए भी दिसंबर में जेबीवीएनएल ने नया बिजली टेरिफ बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था. मगर पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण आयोग में दो मेंबरों ने उपभोक्ताओं के पक्ष में फैसला देते हुए घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली टेरिफ में कोई बढ़ोतरी नहीं की। 2021-22 में आयोग डिफंक्ट होने के कारण इस वित्तीय वर्ष में भी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई. अभी भी राज्य में 2019-20 वाला ही टेरिफ अब तक लागू है.
अब तक नहीं शुरू हो पायी है बिजली टेरिफ जनसुनवाई
जेबीवीएनएल ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए गत दिसंबर 2021 में नया बिजली टेरिफ आयोग के पास जमा किया है. मालूम हो कि झारखंड बिजली वितरण निगम द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-22 के लिए 16-17 प्रतिशत टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव है. सात दिसंबर 2021 को जेबीवीएनएल ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए नया एनुवल रेवन्यू रिक्यावरमेंट(एआरआर) के साथ नयी टैरिफ का प्रस्ताव झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के पास जमा कर चुका है