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रांची/डेस्कः- आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के अनंत गिरी नाम के एक जिले के एक गांव में लोग जंगल के बीच सड़क बनवाने को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. मादरेबू गांव के आदिवासियों ने रविवार को घोड़ों पर यात्रा कर के विरोध प्रदर्शन किया है. प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दे रखी है कि अगर सरकार सड़क की व्यवस्था नहीं करती है तो आने वाले 13 मई को मतदान का बहिष्कार किया जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार आदिवासियों के लिए करोड़ों रुपए खर्च की गई है पर उनके लिए कोई विकास कार्य नहीं देखा गया. आदिवासी संघ के नेता गोविन्द राजू का कहना है कि उनके लिेए घोड़े कृषि उपज को बेचने के लिए बाजार ले जाने के लिए मालवाहक बस का काम करते हैं. इसके अलावा वे गर्भवती महिला व स्वास्थ संबंधी केन्द्रों तक मरीज को ले जाने के लिए घोड़ो का इस्तेमाल एम्बुलेंस के रुप में करते हैं.
बुनियादी समस्या से जूझ रहे लोग
आदिवासी नेता राजू ने आरोप लगाया है कि कितनी सरकारें बदली पर हम आदिवासियों का जीवन नहीं बदला, उन्होने कहा कि आज भी हम अपनी बुनियादी समस्याओं से जूझ रहें हैं. इमरजेंसी के हालात में अस्पताल जाने के लिए अच्छी सड़कों की आज भी जरुरत है.
आदिवासी नेता ने कहा कि आसपास कोई मेडिकल सेवा के लिए केन्द्र भी नहीं है लोगों को नदी पार करके अस्पताल जाना पड़ता है, इस परेशानी में कई महिलाओं को जंगल के बीच में ही बच्चे को जन्म देना पड़ जाता है.
देश का 9वां सबसे अमीर शहर
देश का टॉप 10 सबसे अमीर शहरों में से एक है विशाखापट्ट्नम शहर, बोत्सा झांसी लक्ष्मी जो वाईएसआरसीपी के टिकट पर विशाखापट्टनम से लोकसभा प्रत्याशी है. उनका कहना है कि यहां का भोगोलिक स्थिति काफी मजबूत है, दुनियां भर के निवेशक का ध्यान इस ओर है, यह शहर तेजी से आगे बढ़ रहा है, देश की सकल घरेलू उत्पाद में यह 43.5 विलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान देता है. देस का 9वां सबसे अमीर शहर मे से है ये विशाखापट्टनम शहर. बता दें कि आन्ध्र प्रदेश में 25 लोकसभा की सीटें हैं और यहां 13 मई को वोटिंग होना है. पिछले 2019 के विधानसभा चुनाव में वाईएसआरसीपी ने 151 सीटें जीत कर प्रचंड बहुमत हासिल की थी.