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रांचीः झारखंड हाईकोर्ट ने देवघर के त्रिकूट हादसे पर सोमवार को मुख्य न्यायाधीश डॉ रविरंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई की. हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था. मामले पर खंडपीठ ने धनबाद की एक निजी कंपनी और बीआइटी मेसरा को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया. इस मामले की अगली सुनवाई छह मई को होगी. अदालत की तरफ से धनबाद की निजी एलीवेटर कंपनी और बीआइटी मेसरा को एक सप्ताह के अंदर हलफनामा दर्ज करने का आदेश दिया है.
सुनवाई के क्रम में सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया गया, जिस पर पीठ ने नाराजगी जतायी. अदालत ने कहा कि रोपवे
प्रोजेक्ट को लेकर बनायी गयी तकनीकी समिति में पेयजल और स्वच्छता विभाग का मैकेनिकल विंग और बीआइटी मेसरा भी शामिल थी. इसलिए बीआइटी मेसरा को भी पार्टी बनायी जाये. अदालत ने पूरे मामले में बीआइटी मेसरा के मैकेनिकल विभाग से भी सहयोग लेने का निर्देश दिया. सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि रोपवे हादसे में चार लोगों की मौत हुई थी. इसमें से एक तीर्थ यात्री की मौत हर्ट अटैक से और तीन व्यक्तियों की मौत दुर्घटना की वजह से हुई थी. अदालत को यह बताया गया कि सरकार ने जांच कराने का आदेश दे दिया है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार अपने स्तर से जांच कराने के लिए स्वतंत्र है. हादसे में 46 लोगों को एनडीआरएफ, भारतीय वायु सेना, आइटीबीपी, झारखंड पुलिस की तरफ से बचाया गया था. इसके लिए 45 घंटे तक बचाव औऱ् राहत कार्य चलाया गया था.