न्यूज11 भारत
रांचीः भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर इस बार देशव्यापी जनजातीय गौरव दिवस आयोजित किया जायेगा. पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. जनजातीय गौरव दिवस का उद्देश्य देश के इतिहास व संस्कृति में जनजातीय समुदायों के योगदान को याद करना और आनेवाली पीढ़ियों को अपने सांस्कृतिक विरासत व राष्ट्रीय गौरव के संरक्षण के लिए प्रेरित करना है. 2022 के जनजातीय गौरव दिवस को विस्तार रूप देने के लिए केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने व्यापक कार्ययोजना तैयार की है. जनजातीय मामलों के मंत्रालय और झारखंड सरकार की तरफ से खूंटी के उलिहातू और खूंटी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू खुद शिरकत करेंगी. राष्ट्रपति उलिहातू में धरती आबा को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगी. वहीं संसद के केंद्रीय हाल में उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ और केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री और अन्य नेताओं की मौजूदगी में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करेंगे. झारखंड के अलावा कई राज्यों में युवाओं व जनजातीय कलाकारों के मार्च का आयोजन होगा. इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगोष्ठी, निबंध लेखन, गीत, नृत्य, खेल, चित्रकला प्रतियोगिता व अन्य कार्यक्रम होंगे.
केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय की तरफ से इंदौर में 15 से 27 नवंबर तक ग्रामीण हाट महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इसके अलावा ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर में एकमटा हाट का आयोजन 21 नवंबर तक किया गया है. असम के दक्षिण गुवाहाटी के डिगली पुखुरी में 15 से 21 नवंबर के बीच आदि बाजार लगाया जा रहा है. पुडुचेरी में आदि बाजार मेला लगाया जायेगा. वहीं उत्तराखंड के देहरादुन स्थित वन अनुसंधान संस्थान में भी आदि बाजार लगाया जायेगा. कोलाता में भारतीय संग्रहालय में 24 नवंबर कर आदि चित्र कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. जानकारी के अनुसार देशभर के शहीद जनजातीय हस्तियों को 15 नवंबर को याद किया जायेगा. इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं.