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रांची: सोहराई जतरा और छठ महापर्व के अवसर पर लोगों के आवागमन में बाधा उत्पन्न ना हो, इस बात को ध्यान में रखते हुए 9 नवंबर का अनिश्चितकालीन रोड जाम कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है. अब इसकी जगह 9 नवंबर से 11 नवंबर तक मुख्यमंत्री आवास के समक्ष तीन दिवसीय महा धरना दिया जाएगा. सिलागाई स्थित अमर शहीद वीर बुधु भगत के स्मारक टोंगरी एवं आदिवासियों के प्राचीन धार्मिक स्थल वीर पानी टोंगरी में एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाए जाने के खिलाफ दिनांक 16 नवंबर को कांग्रेस भवन का घेराव किया जाएगा. उक्त बातें आदिवासी महासभा के संयोजक देव कुमार धान प्रेस क्लब में विभिन्न आदिवासी संगठनों के द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कही.
डीसी के आश्वासन के बाद भी काम शुरू कर दिया गया
संयोजक ने कहा कि सरकार और प्रशासन के रवैया को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि यह लोग अमर शहीद वीर बुधु भगत के स्मारक टोंगरी और आदिवासियों के सदियों पुराने धार्मिक स्थल बीर पानी टोंगरी को खत्म करने पर तुले हुए हैं. आज महीनों बीत जाने के बाद भी समस्या का हल निकाले बिना ही उस स्थल पर पुनः काम शुरू कर दिया गया है. जबकि रांची उपायुक्त के द्वारा बैठक में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि बिना ठोस निर्णय के वहां काम नहीं किया जाएगा. लेकिन वहां काम शुरू कर दिया गया हम लोग सरकार और प्रशासन के समक्ष अनेक बार मांग कर चुके हैं कि अमर शहीद वीर बुधु भगत के स्मारक स्थल टोंगरी और आदिवासियों के प्राचीन धार्मिक स्थल पर एकलव्य आवासीय विद्यालय का निर्माण नहीं कर विद्यालय का निर्माण चान्हो प्रखंड के ही किसी अन्य स्थान पर हो, जहां विद्यालय निर्माण हेतु पर्याप्त जमीन उपलब्ध हो वहां किया जाए.
अमर शहीद वीर बुधु भगत के स्मारक स्थल को मिटाकर वहां पर विद्यालय बनाना कहीं से भी उचित नहीं है इसलिए आदिवासी संगठन मजबूर होकर त्योहार होने के बावजूद आंदोलन करने के लिए मजबूर है. इस मौके पर विशेष रुप से पूर्व मंत्री सघनु भगत, केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की, प्रफुल्ल लिंडा, कुंदरसी मुंडा, पवन तिर्की, बुधराम उरांव, अजीत उरांव, प्रकाश टोप्पो, अमित मुंडा, मंगेश्वर टाना भगत, पांचोला उरांव, महेश मुंडा, बिनोद भगत, मानु तिग्गा, रवि उरांव, वासुदेव उरांव, प्रकाश मुंडा, शंकर उरांव समेत अन्य उपस्थित थे.