अनंत/न्यूज़11भारत
बेरमो/डेस्क
गोमिया प्रखंड के कुंदा पंचायत अंतर्गत मुरपा वनक्षेत्र पर आदिवासी समुदाय के लोगों ने बोर्ड लगाकर अपना अधिकार जमाया। बुधवार को अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी ग्राम सभा की और बोर्ड गाढकर 439.39 एकड़ वनभूमि पर दावा जताया है। बोर्ड लगाने से पहले आदिवासी समुदाय के लोगों ने पारंपरिक हथियार से लैस, ढोल नगाड़ों के साथ जुलूस निकाला जो पूरे मुरपा गांव मे नारेबाजी करते हुए सभा स्थल पर पहुंचे। आराध्य देव की पूजा अर्चना कर जंगल को बचाने का संकल्प लिया। मुख्य अतिथि झारखंड जंगल बचाओ के केंद्रीय प्रभारी राजेश कुमार महतो ने कहा कि बोर्ड लगाकर यह बताया गया कि यहां की 439.39 एकड़ वनभूमि सहित जंगल संपदा, पेड-पौधा आदि पर स्थानीय ग्रामसभा का अधिकार है। कहा कि विकास के नाम पर अनुसूचित जनजाति एवं परंपरागत वन वासियों को वनक्षेत्र से सरकार बेदखल करना चाहती हैं, जबकि वनाधिकार अधिनियम 2012 के तहत उन सभी के बीच वनक्षेत्र को खाली पडी जमीन पर अधिकार के लिए व्यक्तिगत पट्टा एवं सामुहिक पट्टा वितरण किया जाना चाहिए। सरकार की मंशा को विफल करने और यहां के जंगल को संरक्षित करने के लिए बोर्ड लगाया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी वनक्षेत्र पर कोई आग नहीं लगाये, क्योंकि जंगल में आग लगाए जाने से पेड पौधों एवं वन्य जीव जंतुओं को नुकसान पहुचाता है। महतो ने कहा कि बिना ग्रामसभा की अनुमति से कोई भी जंगल से पेडों को कटाई करते पकडा जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विशिष्ट अतिथि विधायक डा. लंबोदर महतो की पत्नी कौशल्या देवी ने कहा कि पेड पौधे पर्यावरण को संतुलित रखता है। इसलिए इसकी रक्षा करना हर ग्रामीण का दायित्व हैं। ग्रामसभा की अध्यक्षता सुरेश सोरेन तथा संचालन सुरेंद्र टुडू ने किया। मौके पर बोकारो जिला ग्रामसभा अध्यक्ष मंच बाबूलाल मरांडी, सचिव मोतीलाल बेसरा, आजसू गोमिया प्रखंड अध्यक्ष महेश महतो, रतिराम किस्कू, रुपाली कुमारी, निरंजन महतो, किशुन हेम्ब्रम सहित दर्जनों लोग शामिल थे.