कृष्णा कुमार लाल/न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः एक ओर 21 अप्रैल को ‘INDI गठबंधन' के दिग्गजों के जुटान होने जा रहा है. दूसरी ओर टिकट बंटवारे पर कांग्रेस में घमासान मचा है. धनबाद में अनुपमा सिंह को टिकट दिए जाने पर पार्टी में बवाल मचा है. कांग्रेस के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और मजदूर यूनियन के वरिष्ठ नेता ललन चौबे ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. ललन चौबे ने कांग्रेस पर टिकट बेचने का आरोप लगाया है.
ललन चौबे न सिर्फ पार्टी पर बरसे. बल्कि कांग्रेस विधायक अनूप सिंह पर भी कई गंभीर आरोप लगाए. ललन चौबे ने कहा कि, अनूप सिंह के हाथ ना सिर्फ कोयले के काले कारोबार में काले हैं, बल्कि कोलकाता कैश कांड में भी उनकी अहम भूमिका थी.
टिकट बंटवारे को लेकर ना सिर्फ धनबाद में बवाल मचा है. बल्कि गोड्डा में भी दीपिका पांडे सिंह को कैंडिडेट बनाने का भी विरोध हो रहा है. कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम का भी कहना है कि, एक अल्पसंख्यक को टिकट मिलना चाहिए था, लेकिन पार्टी का फैसला अंतिम होता है जिसे सबको मानना पड़ता है.
टिकट बंटवारे पर कांग्रेस में जारी घमासान पर प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि उम्मीदवार के नाम के ऐलान के बाद टिकट के बाकी दावेदारों के समर्थकों में निराशा होती है. लेकिन एक दो दिनों में सबकुछ ठीक हो जाएगा.
टिकट बंटवारे से नाराज कांग्रेस के नेता जिसकी जिनती आबादी, उतनी भागीदारी के नारे पर भी सवाल उठा रहे हैं. लेकिन राजेश ठाकुर ने कहा है कि, भागीदारी सिर्फ सांसद विधायक के लिए नहीं है बल्कि एक बार देश में सरकार बन जाए, तो रोजगार, व्यापार सबमें भागीदारी दी जाएगी.
झारखंड में कांग्रेस ने अबतक 6 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. लेकिन इनमें से सिर्फ एक ओबीसी उम्मीदवार है. जबकि ओबीसी की भागीदारी को लेकर राहुल गांधी लगातार केंद्र पर सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस के नाराज नेता अब इसी पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन प्रदेश नेतृत्व सरकार बनने के बाद आबादी के मुताबिक भागीदारी का वादा निभाने की बात कह रहा है. लेकिन टिकट बंटवारे से शुरू हुए घमासान का खामियाजा कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ सकता है.