न्यूज11 भारत
रांची: प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में रांची सहित राज्य के सभी जिलों के प्रदर्शन बेहतर हैं. सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को धरातल पर उतारने में कर्मियों की भी अहम भूमिका है. इन कर्मियों की नियुक्ति का उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आवास विहीन परिवार, एक व दो रूम कच्चा मकान वाले परिवारों को आवास योजना का लाभ दिलाना है. ग्रामीण विकास विभाग झारखंड की अधिसूचना 01.03.2017 के आलोक में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण राज्य , जिला एवं प्रखंडों में कुल 603 PMU पदाधिकारियों और कर्मियों की नियुक्ति की गई है. राज्य के सभी जिलों में की गई है. मगर दुर्गम क्षेत्रों में भी विकट परिस्थिति में कार्य करने के बावजूद मृत्यु होने या घायल होने पर परिवार को किसी भी तरह की आर्थिक मदद नहीं मिलती और न ही क्षतिपूर्ति का कोई प्रावधान विभाग में है. इसको लेकर झारखंड राज्य प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) कर्मचारी संघ के द्वारा 6 अगस्त 2022 को झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री, सचिव और विशेष सचिव को PMU कर्मचारियों के हित में 6 सूत्री मांग पत्र समर्पित किया गया.
जिसमें उन्होंने कहा है कि वर्तमान में आपके कुशल नेतृत्व के कारण झारखंड राज्य को भारत में एक सम्मानजनक स्थान प्राप्त हुआ है. आपका ध्यान इस ओर भी आकृष्ट कराना चाहते हैं कि कोविड -19 के महामारी काल में भी हम सभी PMU पदाधिकारी व कर्मी पूरी ईमानदारी एवं निष्ठापूर्वक अपने कर्तव्यों का शत-प्रतिशत पालन करते रहे हैं. अपने उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार अपनी जान को जोखिम में डालते हुए जमीनी स्तर पर अधिक से अधिक ग्रामीणों को आवास योजना से रोजगार देने एवं आवास योजना के लाभुकों को पक्का मकान बनाने में मदद करते रहे हैं. योजना के क्रियान्वयन के लिए दुर्गम क्षेत्रों में भी विकट परिस्थिति में कार्य किया जा रहा है. क्षेत्र भ्रमण के क्रम में अपने मानदेय का लगभग 25 प्रतिशत राशि कर्मियों का अपना खर्च हो जाता है. कुछ साथी क्षेत्र भ्रमण के क्रम में घायल भी हुए. दो साथियों की मृत्यु भी हो गई. मगर मृत्यु अथवा घायल होने के उपरांत उनके परिवार के किसी भी को किसी तरह का आर्थिक मदद नहीं मिलता है एवं क्षतिपूर्ति का कोई प्रावधान विभाग में सदस्य नहीं है. जबकि, सभी PMU पदाधिकारी व कर्मी अत्यंत कम मासिक मानदेय पर कार्यरत हैं. हमारे मनोबल को बढ़ाने, प्रोत्साहित करने, भविष्य को सुरक्षित करने, बढ़ती महंगाई के दौर में परिवार का भरण-पोषण करने एवं हमारी सुरक्षा के लिए संघ की ओर से मांगे गए मांगों पर मानवीय दृष्टिकोण से विचार करते हुए इसे यथाशीघ्र लागू करने की कृपा की जाए.
क्या-क्या है मांग
1. PMU पदाधिकारी व कर्मियों की नियुक्ति 2016 से प्रारंभ हुई है. 2016 को आधार मानकर विभिन्न पदों पर लगातार अब तक नियुक्ति होते रही है पर हमारे मानदेय में कोई बदलाव नहीं हुआ है. हमारे मानदेय में 5 प्रतिशत वृद्धि किया जाता है, जो वर्तमान समय के महंगाई के अनुरूप बहुत ही कम है. मंहगाई को देखते हुए सभी कर्मियों का मानदेय पुनरीक्षित किए जाने की आवश्यकता है. संघ की मांग है कि राज्य / जिला / प्रखंड स्तर के कर्मियों का मासिक मानदेय पुनरीक्षण तत्काल किया जाए. मालूम हो कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के कर्मी अन्य योजनाओं के कर्मियों के तुलना में न्युन्तम मानदेय पर कार्यरत हैं. विदित है कि DRDA कर्मियों, मनरेगा कर्मियों एवं 15 वित आयोग पंचायतीराज कर्मियों के मानदेय में भी वृद्धि की गई है.
2. मानदेय पुनरीक्षण के क्रम में सभी पदों को समतुल्यता के आधार पर ग्रेड - पे का निर्धारण कर समायोजित एवं तदनुसार मंहगाई भत्ता में अभिवृद्धि (झारखण्ड सरकार के संकल्प संख्या- 6 / एस -4 ( वे०पु०) / 01 / 2009422 / वि०, दिनांक- 18/02/2022 के आलोक में जिसमें स्पष्ट किया गया है कि संविदा पर कार्यरत कर्मियों को 113 प्रतिशत महंगाई भत्ता को बढ़ाकर 196 प्रतिशत अभिवृद्धि करने का निर्णय लिया गया है) किये जाने की मांग सरकार से करते हैं. सरकार के द्वारा विभाग को समय - समय पर कर्मियों को ग्रेड-पे सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है, इसमें राज्य स्तर पर निर्णय होने के उपरांत भी हमलोगों को ग्रेड - पे का लाभ नहीं मिल पा रहा है. विभागीय पत्र के आलोक में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के कर्मियों का ग्रेड - पे का निर्धारण करने का आदेश दिया गया है परंतु इसपर अमल नहीं किया गया. अतः विभागीय स्तर से राज्य / जिला / प्रखण्ड स्तर के कर्मियों का ग्रेड - पे तय किया जाए. ग्रेड - पे का निर्धारण नही होने से हमलोगो को बहुत क्षति हो रही है. जैसे मंहगाई भत्ता, यात्रा भत्ता, बैंक से लोन इत्यादि नहीं मिल पा रहा है.
3. प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के राज्य / जिला / प्रखण्ड स्तर के PMU कर्मियों व पदाधिकारियों को आवास के क्रियान्वयन, अनुश्रवण एवं पूर्णता के लिए क्षेत्र भ्रमण भत्ता राशि निर्धारित किया जाए. वर्त्तमान में आवास निर्माण के लिए क्षेत्र भ्रमण हेतु कोई भत्ता निर्धारित नहीं है. एवं क्षेत्र भ्रमण के क्रम में कर्मियों के मानदेय का 25 प्रतिषत राशि स्वयं के पॉकेट से खर्च होता है.
4. प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत बड़ी संख्या में मानव बल कार्यरत है. विभाग स्तर से तत्काल HR Manual का निर्माण किए जाने की मांग की जाती है, ताकि कर्मियों के सभी मामले में नियमाकुल कार्रवाई की जा सके.
5. झारखंड सरकार के द्वारा अनुबंध व संविदा आधारित पदों पर कार्य कर रहे कर्मियों के सेवा शर्त में सुधार के लिए कार्य किया जा रहा है. हमारी मांग है कि सभी प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अन्तर्गत कर्मियों के सेवा शर्त में सुधार लाते हुए हमारी सेवा को पारा शिक्षक / NRHM तर्ज पर सेवा नियमित करते हुए कार्य अवधि 60 वर्ष उम्र तक निर्धारित किया जाए. साथ ही सरकारी नौकरी में अनुभव के आधार पर उम्र सीमा में छूट देते हुए चयन में प्राथमिकता दी जाए.
6. मनरेगा के तहत कर्मियों को दंड देने की प्रक्रिया पूर्व निर्धारित है उसी के अनुरूप प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत कर्मियों के लिये भी दंड प्रक्रिया अपीलीय प्राधिकार का गठन किया जाए. ताकि, किसी भी कर्मी पर अचानक कार्रवाई से पूर्व अपनी बात को सक्षम प्राधिकार के समक्ष रखते हुए नैसर्गिक न्याय प्राप्त किया जा सके.