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रांची: चतरा सदर अस्पताल में एक नवजात को बेच दिए जाने को लेकर उठे हंगामें के बीच इस वारदात में पुलिस ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं बेचे गए बच्चे को बोकारो जिले के पेटरवार से सकुशल बरामद कर लिया गया है. इस पूरे मामले में सबसे हैरानी की बात ये है कि एम मां ने ही जन्म देते ही अपने बच्चे को दूसरों के हाथों बेच दिया. हालांकि इस मामले में यह बात सामने आ रही कि मां ने प्रसव के आठ घंटे बाद ही अस्पताल के ही कुछ स्वास्थ्य कर्मियों के कहने पर एक लाख रुपए में अपने बच्चे को बेच दिया था.
वहीं इस मामले में पुलिस ने बच्चे के क्रय-विक्रय की डील में शामिल आरोपियों के पास से चार मोबाइल और 1.64 लाख रुपये नगद बरामद किये हैं. बता दें इस अमानवीय कृत्य में जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं, उनमें चतरा जिले के सदर थाना क्षेत्र निवासी डिम्पल देवी, आशा देवी, मालती देवी, रामानंद कुमार, बोकारो जिले के आनन्द प्रकाश जयसवाल उर्फ मोनू, सरोज कुमार, चंदन कुमार, रजनीकांत साव, हजारीबाग जिले के उपेंद्र कुमार, रीना देवी, रामगढ़ जिले के सारू देवी शामिल हैं.
वहीं चतरा के एसडीपीओ अविनाश कुमार ने गुरुवार को बताया कि 21 मार्च को डीसी अबु इमरान को नवजात के बेचे जाने की सूचना मिली थी. इसके बाद उन्होंने यह सूचना चतरा एसपी को दी. मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने एक विशेष छापेमारी टीम का गठन किया. इस मामले की गहराई से जांच करने व मामले पर कड़ी कार्रवाई करते हुए इस टीम ने बोकारो से सकुशल बच्चे को बरामद किया गया.
इसके साथ ही इस वारदात में संलिप्त 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. बताते चलें कि यह मामला सामने आने के बाद सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ मनीष लाल के आवेदन पर सदर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी.
जानिए क्या है पूरा मामला
मानवता को शर्मसार करता हुआ झारखंड जिले के चतरा में चंद रुपये के लालच में मां की ममता का सौदा करने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया. इस अपराध का आरोप सदर अस्पताल की एएनएम और सहिया पर लगा है. इस मामले के प्रकाश में आते ही पूरे महकमे में हड़कंप मच गया. इसके बाद सदर अस्पताल से नवजात के बेचे जाने की खबर के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए उपायुक्त अबु इमरान ने जांच टीम गठित करने का आदेश दे दिया .
वहीं टीम में सिविल सर्जन, एसडीओ और एसडीपीओ शामिल किया गया . इसके बाद जांच टीम आरोपी ने सहिया और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों से पूछताछ करते हुए बेचे गए नवजात को बरामद करने में जुट गई. बता दें सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत शहर के दीभा मोहल्ला इलाके की गर्भवती आशा देवी को सोमवार के दोपहर प्रसव पीड़ा के बाद परिजनों ने डिलीवरी के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया था. स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की देखरेख में देर शाम महिला का प्रसव कराया गया.
लेकिन इसके बाद आरोप है कि महिला के प्रसव के चंद घंटे बाद ही देर रात मौके पर मौजूद सहिया डिंपल देवी ने महज एक लाख रुपये में ही नवजात का सौदा करा कर उसकी मां से बच्चे को बेचवा दिया. वहीं अस्पताल में लगे कैमरे से बचने के लिए सहिया ने नवजात की मां को अस्पताल परिसर से बाहर बुलाया. इसके बाद एक लाख रुपया नगद देकर नवजात बच्चे को दूसरे के हाथों बेच दिया.
इधर इस मामले का खुलासा तब हुआ जब अस्पताल में ही ड्यूटी पर तैनात दूसरे स्वास्थ्य कर्मी मौके पर बच्चे को नहीं देखा. इसके बाद हो-हल्ला होने के बाद बच्चे की मां आशा देवी ने अस्पताल से बच्चे को बेचने की बात स्वीकारी और अस्पताल से किसी को कुछ बताएं बगैर वहां से भागकर घर आ गई.