आदित्य/न्यूज11 भारत
सरिया/डेस्कः शनिवार की दोपहर सरिया के सरकारी अस्पताल में पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची नाबालिग मरीज ने जांच के दौरान डॉक्टर रमापति पर छेड़छाड़ एंव लज्जाहनन का आरोप लगाया है. मामले की जानकारी, मिलने पर सरिया पुलिस अस्पताल पहुंची व नाबालिग से पूछताछ के बाद डॉक्टर रमापति को अपने साथ सरिया थाना ले गयी. जैसे जैसे लोगों के बीच मामला पहुंचा अस्पताल परिसर में भीड इकट्ठा होने लगी.
नाबालिग ने आरोप लगाया है कि उसके पेट मे दर्द था जिसका जांच के लिए वह अस्पताल पहुंची थी. वहां मौजूद आयुष डॉक्टर रमापति ने उसका ईलाज शुरु किया. इस क्रम में उसने आला लगाकर पेट व आसपास जांच किया. फिर उसने खून जांच के लिए विवेकानंद चौक स्थित एक जांचघर भेजा, जहां से जांच कराकर व रिपोर्ट लेकर वापस अस्पताल पहुंची तो इस समय मेरे साथ मेरे चाचा भी थे.
चाचा ने ये कहा कि जांच रिपोर्ट आ गया है अब डॉक्टर को केवल दवा लिखना है ये बोलकर वो अपने काम करने चले गये. डॉक्टर रमापति ने जाँच रिपोर्ट देखने के बाद कही कि तुम्हारे शरीर का फिर से जांच करेंगे और इस बहाने मुझे कुर्सी पर बैठाकर अपना हाथ टीशर्ट के अंदर डालकर छेड़खानी करने लगे और लज्जाहनन का भी प्रयास किया जिसका हमने विरोध किया. आगे बताया कि मैं घर जाकर अपनी मां व परिजनों को मामले से अवगत कराया इसके बाद मेरी मां व चाची अस्पताल पहुंचकर डॉक्टर के गलत कार्य पर विरोध जताया. नाबालिग ने सरिया थाना में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी. इधर डॉक्टर रमापति ने कहा कि मैंने इस तरह का कोई गलत कार्य नहीं किया हूं, आरोप बेबुनियाद है.
अस्पताल में लगी नेताओं की भीड, कहा नाबालिग को मिले न्याय
घटना की सूचना मिलने पर प्रमुख प्रतिनिधि रंजीत मंडल, झामुमो जिला उपाध्यक्ष त्रिभुवन मंडल, माले नेता भोला मंडल, भाजपा नेत्री रजनी कौर एंव जिप सदस्य अनूप पाण्डेय अस्पताल पहुंचे. इनलोगों ने मामले की जाँच कर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कानूनसम्मत कार्रवाई करने की मांग की.
सरिया एसडीएम ने लिया नाबालिग का ब्यान
घटना की सूचना पाकर सरिया एसडीएम विपिन दूबे,चिकित्सा पदाधिकारी बिनय कुमार सरिया अस्पताल पहुंचे और एक बंद कमरे में नाबालिग का ब्यान लिया जिस समय ब्यान लिया जा रहा था उस वक्त भाजपा नेत्री रजनी कौर, जिप सदस्य अनूप पाण्डेय, माले नेता भोला मंडल भी मौजूद थे. ब्यान के पश्चात एसडीएम ने पीडित पक्ष को न्याय का भरोसा दिलाया और पूरे मामले से उपायुक्त गिरिडीह को अवगत कराते हुए बताया कि डॉक्टर का जाँच करने का तरीका कहीं से उचित नहीं दिख रहा है, उपायुक्त से मामले की जाँच के लिए कमिटी बनाने की मांग की.