स्वतंत्रता सेनानी के नाम का अपमान देशद्रोह है, मामला लेकर सीएम तक जाएगें: पूर्व विधायक बसंत लोंगा
न्यूज11 भारत
सिमडेगा: हमारे देश को आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों का नाम आज हर देशवासी बड़े सम्मान के साथ लेता है. लेकिन सिमडेगा में बन रहे स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में स्वतंत्रता सेनानी के नाम को मिटा कर अपमान किया जा रहा है.
खेल की नगरी सिमडेगा में खेल को बढावा देने के लिए सिमडेगा के पूर्व उपायुक्त सुशांत गौरव द्वारा सिमडेगा के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत जायका और एससीए फंड से स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण कार्य शुरू किया गया था. स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के निर्माण की जिम्मेदारी विशेष प्रमंडल, आईओ और एनआरइपी को सौंपी गई थी. काम शुरू होने से पहले शिलान्यास शिलापट पर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का नामांकन नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर किया गया. इसके बाद काम आगे बढा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के चारों तरफ चारदिवारी की गई और इसपर भी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस लिखा गया. यही नहीं उद्घाटन के लिए बने शिलापट पर भी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर अंकित किया गया है. सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक एक दिन स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के दिवार पर भी बड़े-बड़े शब्दों में लिखे नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम के उपर वाइटनर पेंट लगाकर नाम मिटा दिया गया. निर्माण एजेंसी की इस हरकत पर सिमडेगा के जनप्रतिनिधि और खेल प्रेमी आश्चर्यचकित और काफी मर्माहत है. उन्होने इसे स्वतंत्रता सेनानी जननायक का अपमान बताया.
स्वतंत्रता सेनानी के नाम का अपमान देशद्रोह है, मामला लेकर सीएम तक जाएगें: पूर्व विधायक बसंत लोंगा
मामले में झामुमो के केन्द्रीय सदस्य सह पूर्व विधायक बसंत लोंगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के मिटे नाम देख आक्रोशित होते हुए इसे देश का और जननायक का अपमान बताते हुए कहा कि जिसने भी ऐसी ओछी हरकत की है या जिसके आदेश पर इस तरह महान जननायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम मिटाया गया है उसके उपर देशद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए. उन्होंने इसे जिला प्रशासन की लापरवाही बताते हुए कहा कि डीसी आवास के पीछे बन रहे स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में जननायक के नाम का अपमान जिला प्रशासन की निष्क्रियता को दर्शाता है. उन्होने कहा कि वे इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलेगें और जिसने भी इस नाम को मिटाने की साजिश की है उसके उपर कार्रवाई करने की मांग करेगें.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम का इस तरह से अपमान प्रशासन की लापरवाही
वहीं इंटक प्रदेश महासचिव दिलीप तिर्की ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम का इस तरह से अपमान प्रशासन की लापरवाही बताते हुए इसे गहरी साजिश बताई है. उन्होने कहा कि जिला प्रशासन किसके इशारे पर महान जननायक का अपमान की है, वे जल्द इसका पता लगाएगें. उन्होंने कहा कि जो भी इसके पीछे साजिशकर्ता है उसके उपर हाई कोर्ट में वे देशद्रोह का मामला दर्ज कराएगें. जिससे हमें आजादी दिलाने वाले के अपमान करने वालों को सबक मिल सके. उन्होने कहा जिले के सभी अधिकारी को इस तरह नेताजी के नाम मिटाए जाने की जानकारी है लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं होना दर्शाता है कि नाम मिटाने के पीछे भी प्रशासन की मौन सहमती है.
जिला कराटे असोसियेशन के अध्यक्ष रामनायक ने स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम मिटाए जाने को सिमडेगा के लिए कलंक बताते हुए कहा कि खेल की नगरी में जननायक का अपमान बहुत शर्मनाक बात है. उन्होंने कहा जिसने भी ऐसा किया है वह निश्चित रूप से बहुत ओछी मानसिकता के कारण ऐसा किया है.
स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम को मिटाए जाने पर निर्माण कार्य में लगी ऐजेंसियों के किसी अधिकारी ने कैमरे में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. लेकिन गुरूवार को जब जनप्रतिनिधियों के साथ हम स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में खडें इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे थे. इसी क्रम में निर्माण एजेंसी आरइओ विभाग के अधिकारी भी वहां पंहुचे. हमने निर्माणकार्य में लगे आरईओ विभाग के एसडीओ बलराम पांडेय से इस संबध में बातचीत की तो वे भी कैमरे में बोलने से इंकार किए. जब कैमरा बंद किया तब उन्होंने बताया कि वरीय अधिकारी के आदेश पर शिलापट लगा कर नामकरण हुआ अब वरीय अधिकारी के आदेश पर नाम मिटाया गया है. उन्होने कहा कि राज्य से नाम तय नहीं होने के कारण इसे मिटाया गया. उन्होंने इतना तक कहा कि जो शिलापट लगा है उसे भी एक दो दिनों में हटा दिया जाएगा. उन्होने साफ कहा वे अधिकारियों के हुकूम पर काम करते हैं. जैसा आदेश मिलता गया वैसा काम करते गए. उनकी ये सारी बातों की बातचीत कैमरे में भी रिकॉर्ड हो गई.
अब यहां सवाल उठता है कि जब नाम तय नहीं था तो शिलान्यास शिलापट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम कैसे आया यही नहीं उद्घाटन के लिए बने शिलापट पर भी नेताजी का नाम अंकित करवाया गया. जब दो-दो शिलापट नेताजी के नाम से स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के नामकरण की गवाही दे रहे हैं, तो फिर इस तरह नाम मिटाकर जननायक का अपमान क्यों? अगर मान भी लिया जाए कि नामकरण को लेकर सहमति नहीं थी तो भी जब महान विभूति जननायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर नामकरण हुआ तो इस नामकरण में गलत क्या हुआ जो इसे मिटा दिया गया.