मुजतबा हैदर रिजवी/ न्यूज़ 11 भारत
जमशेदपुर/डेस्क:-जमशेदपुर संसदीय सीट पर महिला और पुरुष वोटों में सिर्फ 6974 वोटों का फर्क है. पुरुष मतों की संख्या 9 लाख 24 हजार 246 है जबकि महिला मतों की संख्या 9 लाख 17 हजार 272 है. 6 हजार 974 मतों का फर्क कोई मायने नहीं रखता. फिर भी साल 1957 से अब तक 18 बार लोकसभा चुनाव में महिलाएं सिर्फ दो महिला सांसदों को ही चुनाव जिता पाए हैं. जिन महिलाओं को जमशेदपुर संसदीय सीट से सांसद बने का गौरव प्राप्त हुआ है, उनमें भाजपा की आभा महतो और झारखंड मुक्ति मोर्चा की सुमन महतो हैं. आभा महतो इस लोक सभा सीट से दो बार जीत कर सांसद बनी हैं. जबकि सुमन महतो को एक बार ही जीत नसीब हुई.
टाटा स्टील के पूर्व एमडी रूसी मोदी को हराया था आभा ने
इस संसदीय सीट पर महिला मतदाताओं की हमेशा प्रभावशाली भूमिका रही है. पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो की पत्नी आभा महतो ने टाटा स्टील के पूर्व एमडी रूसी मोदी को हराया था. साल 1998 के लोकसभा चुनाव में जमशेदपुर संसदीय सीट से पहली महिला उम्मीदवार जीती थीं. यह महिला भाजपा की उम्मीदवार आभा महतो थीं. उन्होंने टाटा स्टील के एमडी रह चुके रूसी मोदी को 96 हजार मतों से हराया था. इसके बाद अगले साल 1999 में मध्यावधि चुनाव हुए थे. इस बार भाजपा ने फिर आभा महतो को टिकट दिया था. आभा महतो ने कांग्रेस के उम्मीदवार घनश्याम महतो को 1 लाख 20 हजार मतों से हराया था.
साल 2004 का चुनाव में हार गई थीं आभा महतो
साल 2004 में जमशेदपुर लोकसभा सीट से भाजपा ने फिर आभा महतो को टिकट दिया था. पार्टी को पूरा भरोसा था कि वह इस बार जीत की हैट्रिक लगाएंगी. लेकिन झामुमो ने इस बार झारखंड आंदोलनकारी सुनील महतो को टिकट दिया और सुनील महतो ने आभा महतो को हरा दिया था.
साल 2007 में सुमन महतो बनी थीं सांसद
सुनील महतो की हत्या के बाद जमशेदपुर लोकसभा सीट से फिर चुनाव हुए. साल 2007 में सुनील महतो की पत्नी सुमन महतो को झामुमो ने जमशेदपुर संसदीय सीट से उम्मीदवार बनाया था. भाजपा से दिनेश षाड़ंगी उम्मीदवार थे. लेकिन, सुमन महतो ने उन्हें 58 हजार 814 से अधिक वोटों से हरा दिया था.
साल 2009 के चुनाव में अर्जुन मुंडा से हार गई थीं सुमन
साल 2009 में फिर लोकसभा चुनाव हुए थे. इस बार भाजपा ने अर्जुन मुंडा को उम्मीदवार बनाया था. इस चुनाव में अर्जुन मुंडा को तीन लाख 19 हजार 620 मत मिले थे. जबकि, सुमन महतो को महिलाओं का साथ नहीं मिल सका. सुमन महतो को एक लाख 9 हजार 957 मतों से संतोष करना पड़ा और उन्हें 1 लाख 19 हजार 963 मतों से बड़ी शिकस्त का सामना करना पड़ा.