मुजतबा हैदर रिजवी/न्यूज11भारत
जमशेदपुर/डेस्क:-बिष्टुपुर थाना क्षेत्र के बिष्टुपुर राम मंदिर में साल 2014 में एजीएम मीटिंग के दौरान दो गुटों में झगड़ा हो गया था. इस मामले में राम मंदिर समिति के तत्कालीन सचिव ने तत्कालीन अध्यक्ष और उनके साथियों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था. यह सभी आरोपी इस केस में बरी हो गए हैं. इस मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय टू के न्यायाधीश आभास वर्मा की अदालत में केस चला. अदालत ने सबूत के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. शनिवार को इस केस में फैसला आया है. इस केस को लड़ने वाले सिविल कोर्ट के एडवोकेट एसएस दुबे ने बताया कि इस मामले में बिष्टुपुर राम मंदिर कमेटी के तत्कालीन संयुक्त सचिव पी प्रभाकर राव ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन अध्यक्ष सीएस शंकर राव और उनके सहयोगी नागराजू, पीएम राव आदि ने जानलेवा हमला किया और उनकी नाक की हड्डी तोड़ दी थी. तत्कालीन सचिव पी प्रभाकर राव का कहना था कि उन्होंने एमजीएम अस्पताल में अपना इलाज कराया. बिष्टुपुर थाने में उन्होंने तत्कालीन अध्यक्ष सीएस शंकर रामाराव और उनके सहयोगियों नागराजू, पीएम राव व अन्य पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था. इस केस का सेशन ट्रायल हुआ. 10 साल तक मुकदमा चला. डाक्टर समेत 7 लोगों ने इस केस में गवाही दी.