रांची: 1 रुपए की चोरी के लिए अपने पिता चिंता बोइपाई के गुस्से का शिकार हुए 13 वर्षीय का बुधराम बोइपाई के दोनों हाथों की उंगलियां 30 जुलाई को काटनी पड़ी थी. 15 मई को बुधराम के पिता ने चोरी की सजा देते हुए खैलते पानी में उसके दोनों हाथ डुबा दिया था. उसकी मां प्राथमिकी उपचार के लिए चाईबासा के सदर अस्पताल लेकर पहुंची थी. लेकिन आर्थिक तंगी और जानकारी के अभाव में सही समय पर इलाज नहीं मिल सका. इस वजह से बुधराम की उंगलियां गलने लगी थी और सड़ना भी शुरू हो चुका था. मामले की जानकारी होते ही स्थानीय समाज सेवियों ने बुधराम बोइपाई को उपचार दिलाने में मदद की और आयुष्मान कार्ड भी बनवा दिया.
8 सितंबर को उंगलियों के लिए लिया जाएगा माप
बुधराम बोइपाई के इलाज में मदद कर रहे समाज सेवी विजय गांगुली ने बताया कि आयुष्मान कार्ड योजना के तहत रांची के निजी अस्पताल में सर्जरी की गई है. सर्जरी डॉ अनंत सिंहा और डॉ आरके पाठक ने की. डॉक्टरों ने उंगलियों की जांच के दौरान सिवियर इन्फेक्शन पाया. जिसके बाद उंगलियों को काटने का निर्णय लिया गया. वहीं 6 अगस्त को बुधराम के जांघों से मांस निकालकर उंगलियों की ग्राफ्टींग की गई है. डॉक्टरों ने बताया कि कुधराम को कृत्रिम उंगलियां लगाई जा सकती है. जिसके लिए 8 सितंबर को बुधराम के हाथों की मेजरमेंट लिया जाएगा.
समाजसेवियों ने उठाया इलाज करवाने की जिम्मेदारी
समाजसेवी विजय गांगुली ने बताया कि बुधराम के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय है. उसकी मां के हाथ में बेटे को इलाज, दवाई और खाना खिलाने तक के लिए पैसे नहीं थे. जानकारी मिलने के बाद 31 जुलाई को हॉस्पिटल पहुंचा और डॉक्टर नर्स से बात कर इलाज को सुचारु तरीके से करवाने की कोशिश की. सर्जरी के दौरान 5 यूनिट ब्लड, फल, हॉर्लिक्स, खाने के सामान, कपड़ा तथा आर्थिक सहायता आदि प्रदान किया. 29 अगस्त को उसे हॉस्पिटल से छुट्टी दी गई. बंगाली एसोसीयसन चक्रधरपुर ने एम्बुलेंस उपलब्ध कर गांव पहुंचा दिया. इस दौरान प्रदीप पाठक, अवियुद, रवि सहाय, ऋषिकेश, श्यामा सिन्हा, सुषमा तिर्की आदि ने योगदान दिया.