रांची: मेयर आशा लकड़ा और नगर आयुक्त मनोज कुमार के बीच जारी तनातनी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. अब मेयर ने नगर निगम परिषद की बैठक में झारखंड नगरपालिका जल कार्य जल संयोजन नियमावली 2020 के प्रस्ताव को शामिल करने पर सवाल खड़ा की. दरअसल मेयर ने पूर्व में इस एजेंडा को हटाने का निर्देश दिया था. जबकि, नगर आयुक्त ने इसे एजेंडा में शामिल करने का निर्देश दिया है. अब इसको लेकर मेयर ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर इसे एजेंडा में शामिल करने का औचित्य पूछा है. पत्र में कहा है कि जल कार्य जल संयोजन नियमावली 2020 को राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी होने की तिथि से ही राज्य के सभी नगर निकायों में लागू कर दिया. ऐसे में इसे नगर निगम परिषद की बैठक में लाने का उद्देश्य क्या है. साथ ही जलापूर्ति से संबंधित कार्यों के रख-रखाव और संचालन का कार्य स्थानीय शहरी निकाय, बाहरी एजेंसी या जुडको द्वारा चयनित नई एजेंसी के माध्यम से की जाएगी इस पर भी स्थिति स्पष्ट करने कहा है.
नगर आयुक्त से मेयर ने पूछे ये सवाल
- राज्य सरकार ने संबंधित नियमावली में सबकुछ बिंदुवार स्पष्ट कर दिया है. अब इस अधिसूचना को निगम परिषद की बैठक में उपस्थापित करने का उद्देश्य क्या है?
- अधिसूचना में यह जिक्र नहीं किया गया है कि इसे निगम परिषद से स्वीकृत किया जाना है. ऐसे में किस प्रयोजन के तहत निगम परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को लाना चाहते हैं?
- रांची नगर निगम क्षेत्र में जल संयोजन शुल्क, व मासिक जल कर वसूली के लिए पूर्व से ही एजेंसी कार्यरत है. अब अधिसूचना के तहत संबंधित एजेंसी के माध्यम से संबंधित कार्य कराए जाएंगे या JUIDCO के माध्यम से नई एजेंसी का चयन किया जाना है?
- इस अधिसूचना के प्रभावी होने की तिथि से इस नियमावली में वर्णित सभी बिंदुओं का पालन नगर आयुक्त के माध्यम से किया जा सकता है. मेरे समझ से इस अधिसूचना को निगम परिषद की बैठक में उपस्थापित कर पारित कराने की आवश्यकता ही नहीं है. आप स्वयं रांची नगर निगम के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी हैं. इसलिए सरकार के किसी भी अधिसूचना को लागू करने का अधिकार आपको है.