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रांची: झारखंड विधानसभा में 4546 करोड़ का अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित हो गया वहीं आज वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट वित मंत्री रामेश्वर उरांव पेश करेंगे. बता दें गुरूवार को झारखंड विधानसभा में वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने 4546 करोड़ रुपये का तृतीय अनुपूरक बजट पेश किया. वहीं, शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश होगा. संभावना है कि इस बार एक लाख करोड़ से अधिक का बजट पेश होगा. गुरुवार को वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने अनुपूरक बजट पर चर्चा के बाद सरकार के उत्तर में कहा कि अब तक मूल बजट की 68.73 प्रतिशत राशि खर्च हो गयी.
पिछले वर्ष इस समय सरकार की ओर से 51 से 52 प्रतिशत ही राशि खर्च हुई थी. झारखंड की सरकार आगे बढ़ रही है साथ ही उन्होने कहा कि सरकार चाहे कोई भी हो, हर वर्ष आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अनुपूरक बजट लाती है, सरकार की ओर से चल रहे काम को पूरा करने के लिए अनुपूरक बजट जरूरी है. साथ ही अपने स्पीच में वित मंत्री ने कहा कि भारत सरकार की ओर से केंद्रीय योजनाओं के मद में राशि निर्गत की गयी है. इसको भी धरातल पर उतारने के लिए सरकार को अलग से राशि की जरूरत पड़ रही है. इस मामले में झारखंड की सरकार रिसोर्स बढ़ा कर आगे बढ़ने की सोच रही है.
इधर सदन में इस अनुपूरक बजट पर कटौती प्रस्ताव का समर्थन करते हुए भाजपा के विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि शुक्रवार को सरकार बजट ला रही है, जब झोली भर पैसा लाने जा रहे हैं, तो 15 दिनों के लिए कटोरा लेकर क्यों आयी है. साथ ही उन्होंने कहा कि झामुमो व कांग्रेस धर्म के नाम पर वोट व पैसा मांग रही है, लेकिन अब तक एक भी वायदे पूरा नहीं किया. वहीं शाही के इस बयान पर विरोध करते हुए संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि आप भी धर्म के नाम पर वोट मांगते हैं.
इसके बाद भाजपा विधायक ने हेमंत सरकार को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि यह सरकार औचित्यहीन, डरपोक, बेमेल गठजोड़ व बस की तरह चल रही है. इस सरकार के अपने मंत्री व विधायक को सरकार पर विश्वास नहीं है. ये सदन में तो साथ रहते हैं पर बाहर सरकार के खिलाफ बोलते हैं. वहीं लिफाफा प्रकरण को उठाते हुए शाही ने कहा एक लिफाफा के डर से पूरी सरकार रायपुर चल जाती है. यह सरकार एक बस की तरह चल रही है. इसमें झामुमो के हेमंत सोरेन ड्राइवर, कांग्रेस कंडक्टर व राजद खलासी की भूमिका में है.
साथ ही हेमंत सरकार पर आरोप लगाते हुए शाही ने कहा कि इस सरकार में 60:40 के अनुपात में पैसा की वसूली हो रही है. आगे शाही ने कहा 1932 के आधार पर स्थानीय नीति की बात करने वाले अब 60:40 के अनुपात में नियोजन नीति लाना चाह रहे हैं. पिछली सरकार ने तो 1985 का कट ऑफ डेट तय किया था वहीं इस सरकार में यह 2023 हो जायेगा. अगर यह नीति लागू होती है, तो राज्य में फिर से आग लगेगी. इसके बाद उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि झामुमो कांग्रेस का नामोनिशान मिटा देना चाहती है. इसके बाद भाजपा विधायक अमर बाउरी ने कहा कि राज्य सरकार बार-बार केंद्र सरकार का सहयोग नहीं मिलने का रोना रोती है.
लेकिन हकीकत है कि केंद्र मिलनेवाली राशि खर्च ही नहीं कर पाती है. बता दें केंद्र सरकार ने दो वर्ष कर के मद में 623 करोड़ रुपये का हस्तांतरण किया है, यह राशि पूर्ववर्ती सरकार में केंद्र की ओर से दी गयी राशि से अधिक है. केंद्र सरकार ने टीएसी के मद में 135 करोड़ रुपये हस्तांतरित किये हैं, परंतु झारखंड सरकार इसमें से सिर्फ 13.11 करोड़ रुपये ही खर्च हो सका है. सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस मद की एक भी राशि नहीं खर्च की है. उन्होंने कहा कि इस सरकार में आदिवासियों बेटियों का धर्म परिवर्तन कर संताल परगना का डेमोग्राफी बदलने का काम हो रहा है.