न्यूज11 भारत, आशीष शास्त्री
सिमडेगा: एक तरफ सरकार और जिले के आला अधिकारी उपायुक्त सुशांत गौरव और पुलिस अधीक्षक डॉ. शम्स तब्रेज दिन रात एक कर जिले के उत्थान करने और गरीबों की आर्थिक समृद्धि में लगे हैं. दूसरी तरफ अधिनस्थ सरकारी कर्मी अवैध वसूली कर जिले को बदनाम करने के साथ-साथ आम नागरिकों के लिए परेशानी का सबब भी बनने लगे है.
जिले में पदस्थापित एक जेई नितिश कुमार के खिलाफ शिकायत आई है कि जनाब मनरेगा जैसी योजनाओं में 10 से 15 प्रतिशत तक घूस के रूप में लाभुकों से मांगते हैं. उन्होंने कई योजनाओं में अवैध रूप से पैसे भी लिए हैं. मामला कांग्रेस जिलाध्यक्ष तक भी पंहुचा. कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने मामला उपायुक्त तक भी पहुंचाया. उपायुक्त ने मामले की जांच करायी. जांच में जेई द्वारा पैसे लेने का सत्यापन भी हुआ. उपायुक्त ने कहा कि इस जेई पर कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी. इससे पूर्व भी मनरेगा और अन्य योजनाओं में रोजगार सेवक, जेई आदि द्वारा अवैध वसूली के मामले सामने आए हैं.
इसी तरह पुलिस विभाग से भी शिकायत आई कि कोलेबिरा के एक एसआई एस पाण्डेय ने हेलमेट जांच के नाम पर तीन हजार रूपये ले लिए. इसी तरह शिकायत आई रही है कि पीसीआर टीम रात में गुजरने वाले भारी और सब्जी वाहनों से भी अवैध रूप से पैसे वसूल रहे हैं. पुलिस कप्तान डॉ. शम्स तब्रेज से जब इस संदर्भ में बात हुई तो उन्होंने ऐसे पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही जो अवैध कार्य से पुलिस की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं. गौरतलब है कि इससे पूर्व भी पीसीआर द्वारा अवैध वसूली का मामला प्रकाश में आया था. उस वक्त पुलिस कप्तान ने पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित भी किया था. पुलिस कप्तान ने बताया कि एक फ्लाइंग स्कॉर्ड बनाया जा रहा है जो ऐसे अवैध कार्यों के विरूद्ध कार्य करेगी.
उपायुक्त सुशांत गौरव ने कहा है कि अवैध रूप से योजनाओं या अन्य तरीके से पैसे लेकर आम लोगों को परेशान करने वाले कर्मियों से कोई रियायत नहीं बरती जाएगी. उन्होंने आमजन से अपील की है कि ऐसे लोगों को शिकायत प्रमाण सहित करें. ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.