न्यूज11 भारत,
दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा आज के टाइम में काफी तेज़ी से बढ़ रहा है. हार्ट से जुड़ी बीमारियों का सामना तब करना पड़ता है जब पर्याप्त मात्रा में खून और ऑक्सीजन हार्ट तक नहीं पहुंच पाता है. धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा होने के वजह से भी दिल से संबंधित बीमारियों जैसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक आदि दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. हार्ट से किसी भी तरह की बीमारी होने पर शरीर के दूसरे हिस्सों पर उसके लक्षण नजर आने लगते है.
शरीर के इन हिस्सों में दिखते हैं दिल से जुड़ी बीमारियों के लक्षण
बदहज़मी की समस्या- हार्ट से जुड़ी बीमारियों का एक मुख्य कारण जैसे अपच महसूस होना. अक्सर लोग बेचैनी को अपच से जोड़ते हैं लेकिन इस पर ज्यादा ध्यान भी नहीं देते है. आपको अगर छाती और पेट में जलन के साथ बेचैनी भी महसूस हो रही हो तो यह दिल से संबंधित बीमारियों की ओर इशारा करता है. कई बार पेट से जुड़ी बीमारियों के चलते भी इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड सकता है. अगर यह समस्या कई दिनों तक रहती तो जरूरी है कि आप डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें.
छाती के चारों तरफ भारीपन- छाती के चारों ओर जकड़न महसूस होना दिल से जुड़ी बीमारी का एक संकेत हो सकता है. सीने में भारीपन और एक अतिरिक्त दबाव महसूस होना कुछ ऐसे लक्षण हैं. अगर आपकी छाती में भी होने वाला दर्द काफी तेज़ी से बढ़ गया है और बरदास न हो तो जरूर से डॉक्टर को दिखाएं.
गर्दन के आसपास दर्द- हार्ट अटैक आने पर सिर्फ छाती में ही दर्द नहीं बल्कि इसके कारण शरीर के बाकी हिस्सों भी प्रभावित होते हैं. अगर आपके गर्दन के आसपास दर्द महसूस हो रहा है तो डॉक्टर से जरूर से संपर्क करें.
ब्लोटिंग और मतली – इस तरह की दिक्कत आमतौर पर महिलाओं में देखी जाती है. इस स्थिति में व्यक्ति को काफी ज्यादा बेचैनी होती है सीने में दर्द होने से पहले व्यक्ति को ऐसा प्रतीत होता है कि उसे उल्टी आने वाली है. ब्लोटिंग और मतली की दिक्कत को अक्सर आम मानी जाती है. लेकिन जरूरी है कि आप पेट में होने वाली मतली और ब्लोटिंग की दिक्कतों को नजरअंदाज करने की गलती ना करें.
ज्यादा थकान महसूस होना - हार्ट से जुड़ी समस्या होने पर शरीर के कुछ हिस्सों में पर्याप्त रक्त प्रवाह नहीं हो पाता है जिससे रोगी को सांस लेने में काफी तकलीफ और थकान महसूस होता है.
जोड़ो में दर्द- पैरों में सूजन और सांस लेने में दिक्कते हार्ट फेल का सबसे बड़ा कारण है. हालांकि, जोड़ो में सूजन और पैरों की नसों में ब्लॉकेज होना भी इसका असर है. लास्ट स्टेज में इस तरह की सूजन पेट और आंख के आसपास ही दिखाई देती है.